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हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछे पांच सवाल, कहा- ड्रग्स फ्री हों चुनाव


चंडीगढ़। ‘कभी पंजाब की पहचान सरसों के लहलहाते खेत हुआ करते थे और अब ओवरडोज से जान गंवा चुके अपने बेटे के शव के पास विलाप करती हुई मां की तस्वीर व्यथित करती है। सरकार का काम सिर्फ पुलिसिंग करना भर नहीं है, अब लोगों को भी आगे आना होगा। यह काम किसी एक व्यक्ति से नहीं हो पाएगा, सभी को इसमें अपना योगदान देना होगा।’ नशे की समस्या पर चेताने वाली यह टिप्पणी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस पंकज जैन की है।

हरियाणा व पंजाब के 27 एनडीपीएस मामलों में अपील व जमानत पर सुनवाई करते हुए गत दिवस हाई कोर्ट ने पंजाब के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। हाई कोर्ट ने कहा कि अगले महीने पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं। यह चुनाव पूरी तरह से ड्रग्स फ्री हों और कहीं भी ड्रग्स फार वोट का मामला सामने न आए। हाई कोर्ट ने इस पर चुनाव आयोग, केंद्र सरकार व पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर 20 जनवरी तक जवाब तलब किया है।

हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि राज्य में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उसके पास कोई रोड मैप है या नहीं। अगर नहीं है तो सरकार एक तय समय में रोड मैप बनाकर हाई कोर्ट को सूचित करे। जस्टिस अजय तिवारी एवं जस्टिस पंकज जैन की खंडपीठ ने कहा कि नशा पंजाब में गहरी जड़ें जमा चुका है। हाई कोर्ट में एनडीपीएस के मामलों की 16000 से ज्यादा अपील कई साल से विचाराधीन हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाब से हैं।

हाई कोर्ट ने 2012 के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि उस चुनाव में सिर्फ एक महीने में पंजाब में 55 किलो हेरोइन और 430 किलो पोपी हस्क (पोस्त) जब्त हुई थी, ऐसा इस चुनाव में न हो। गौरतलब है कि ड्रग्स पंजाब चुनाव में एक बड़ा मुद्दा रहा है। पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (जेल) शशिकांत ने भी हाई कोर्ट को एक पत्र लिखा था, जिसमें पंजाब में राजनेताओं के साथ ड्रग्स माफिया से साठगांठ का आरोप लगाया गया था।