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हिमाचल प्रदेश का चुनावी बिगुल बजा; इन नियमों का करना होगा पालन, कब हो सकते हैं गुजरात विधानसभा के चुनाव..?


नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने प्रदेश की सभी 68 सीटों पर एक ही चरण में चुनाव कराने का फैसला लिया है। इसके तहत मतदान 12 नवंबर को होगा जबकि नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे। सभी सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 17 अक्टूबर से ही शुरू हो जाएगी, जिसकी अंतिम तारीख 25 अक्टूबर तक रहेगी। वहीं इसके ऐलान के साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है।

चुनाव को अकेले ही कराने का ऐलान

 

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव को अकेले ही कराने का ऐलान किया है। आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों के स्थानांतरण व तैनाती जैसे निर्णय अब चुनाव आयोग की अनुमति से ही लिए जाएंगे। साथ ही राजनीतिक गतिविधियों पर भी नजर रहेगी।

पिछली बार भी ऐसा ही था शेड्यूल

प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव का ऐलान भी अकेले ही हुआ था। चुनाव आयोग ने यह फैसला तब लिया है, जब हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनावों को कराने की भी उम्मीदें थी। आयोग ने दोनों ही राज्यों चुनावी तैयारियों की भी साथ-साथ जायजा लिया है।

दीपावली बाद हो सकती है गुजरात चुनावों की घोषणा

हालांकि माना जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा अब दीपावली के बाद हो सकती है। वर्ष 2017 में इसका ऐलान 25 अक्टूबर को हुआ था। इस बीच मुख्य चुनाव आयोग राजीव कुमार ने हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीख घोषित करते हुए कहा चुनाव में प्रदेश के 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ दिव्यांगजन और कोरोना से संक्रमित लोगों को घर बैठे ही वोट देने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए उन्हें सिर्फ एक फार्म भरना होगा।

हर प्रत्याशी को अपने आपराधिक रिकार्ड का ब्यौरा देना अनिवार्य

राजनीति में आपराधिक छवि के लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को अपने आपराधिक रिकार्ड का ब्यौरा देना अनिवार्य होगा। साथ ही उस ब्यौरे को तीन प्रमुख स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित भी कराना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस प्रक्रिया के जरिए वह मतदाताओं को निर्णय लेने का अधिकार देते है।

सी-विजिल एप के जरिए दर्ज करा सकेंगे शिकायत

चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष रखने के लिए आयोग अपने स्तर पर सारी सतर्कता रखता है, लेकिन यदि किसी मतदाता को भी किसी स्तर पर कोई गड़बड़ी दिखती है, तो वह सी-विजिल एप के जरिए दस्तावेजों या फोटो के साथ शिकायत दर्ज करा सकेगा। शिकायत मिलने के 100 घंटे के भीतर ही उस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

55 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे वोटिंग

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार प्रदेश के 55 लाख से ज्यादा मतदाता राजनीतिक दलों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 43 हजार से ज्यादा ऐसे नए मतदाता है, जिन्होंने अपनी 18 साल की उम्र एक जनवरी 2022 के बाद पूरी की है। इन्हें यह लाभ मतदाता सूची में नाम जोड़ने को लेकर किए गए नए बदलावों के बाद मिला है। पहले मतदाता सूची में सिर्फ उन्हीं के नाम जुड़ते थे, जो एक जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी करते थे।

करना होता था साल भर का इंतजार

इसके बाद 18 साल की उम्र पूरी करने वालों को साल भर का इंतजार करना होता था। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को कम से कम 35 सीटें पर जीत दर्ज करना जरूरी होता है। वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर नौ नवंबर को वोटिंग हुई थी। जिसमें भाजपा ने 68 में से 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं कांग्रेस सिर्फ 21 सीटें ही जीत सकी थी।