Post Views: 985 जल ही जीवन है और जलके अभावमें जीवनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है लेकिन दुर्भाग्यकी बात यह है कि शुद्ध जल आज जन-सामान्यको सुलभ नहीं है। प्रदूषित जल ग्रहण करना मानवकी विवशता बन गयी है। इससे आम जीवनपर संकट बढ़ गया है क्योंकि जलजनित बीमारियोंका दंश निरन्तर बढ़ता जा रहा […]
Post Views: 760 हेमलता म्हस्के हमारे देशमें महिलाओं और बच्चोंकी तरह बुजुर्ग भी अभाव और अपमानके बीच जीनेको विवश हैं। कहनेके लिए बुजुर्गोंके लिए अनेक सरकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी हालतमें कोई सुधार नहीं हो रहा है। हम बहुत शानसे कहते हैं कि आजका भारत युवा भारत है, लेकिन […]