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2 वर्ल्ड कप ट्राफी और पहला टेस्ट हैट्रिक लेने वाले भज्जी ने क्रिकेट से लिया संन्यास


नई दिल्ली, । भारतीय टीम में टर्बनेटर के नाम से जाने जाने वाले आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 23 दिसंबर 2021 को उन्होंने इस बात की घोषणा करते हुए दो दशक के करियर पर विराम लगाया। 41 साल के हो चुके हरभजन ने 2016 में भारत की तरफ से आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था।

भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले हैट्रिक लेने की कमाल हो या फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत में चमत्कारी गेंदबाजी भज्जी की गेंदबाजी लाजवाब रही। 2007 में टी20 और 2011 में भारत की विश्व कप विजेता टीम का भज्जी अहम हिस्सा थे।

3 जुलाई 1980 को भारतीय टीम के अनुभवी फिरकी गेंदबाज हरभजन सिंह जन्म पंजाब के जलंधर में हुआ था। मार्च 1998 में इस धुरंधर गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट से करियर का आगाज किया था। वनडे में न्यूजीलैंड के खिलाफ शारजाह में भज्जी को पहली बार खेलना का मौका दिया गया। टेस्ट और वनडे में भज्जी ने अपनी गेंदबाजी से ऐसी धाक जमाई जिसने उनको स्टार बना दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में 32 विकेट हासिल कर इस गेंदबाज ने जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

शानदार इंटरनेशनल करियर

भज्जी ने भारत की तरफ से 103 टेस्ट मैच खेले जिसमें कुल 417 विकेट हासिल किए। उनके नाम टेस्ट में भारत की तरफ से सबसे पहले हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 15 बार टेस्ट में 5 या इससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया है। 236 वनडे मैच खेलकर भज्जी ने 269 विकेट चटकाए हैं जबकि 28 टी20 इंटरनेशनल मैच में उनके नाम 25 विकेट हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट मिलाकर भज्जी के नाम कुल 711 विकेट हैं।

बल्लेबाजी में भी भज्जी ने टीम इंडिया के लिए कई मौकों पर कमाल किया है। टेस्ट में उनके नाम 2224 रन हैं जिसमें कुल 2 शतक और 9 अर्धशतक शामिल है। वनडे में इस खिलाड़ी के नाम 1237 रन हैं जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 49 रन का रहा है। टी20 में भज्जी ने 108 रन बनाए हैं।