राजगीर (नालंदा) (आससे)। चक्रवर्ती मगध के राजा सम्राट जरासंध के 5224 वें जन्मोत्सव पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में श्री मगध सम्राट जरासन्ध महोत्सव का भव्य आयोजन मंगलवार को किया गया।
महोत्सव का उद्घाटन जहानाबाद के सांसद चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवँशी, नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधानपार्षद रामबली सिंह चन्द्रवँशी, पूर्व मंत्री भीम सिंह, अखिल भारतीय चंद्रवंशी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू नेता डॉ धर्मेंद्र कुमार व पूर्व विधान परिषद सदस्य रीना यादव ने दीप प्रज्जवलित कर संयुक्त रूप से किया। वहीं उन्होंने राजा जरासंध के तैलिय चित्र पर माल्यार्पण किया। वहीं महोत्सव का शुभारंभ सनातन धर्म महासभा के अध्यक्ष आचार्य जगदेव जी महराज के शंखनाद से हुआ।
मौके पर सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि पौराणिक नगरी राजगीर की नाम आज भी जरासंध की नगरी की संज्ञा से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि राजा जरासंध से जुड़े स्मारकों का जीर्णाेद्धार और सौंदर्यीकरण से राजगीर पर्यटन में नया आयाम गढ़ा जा सकता है।
सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि सम्राट जरासंध की महागाथा और स्थल राजगीर में पटा हुआ है। इन स्थलों में जरासंध का अखाड़ा, वैभारगिरि पर्वत स्थित बाबा सोमनाथ सिद्धनाथ महादेव मंदिर आदि से राजगीर का पर्यटन सुप्रसिद्ध है। इन स्थलों के विकास के लिए कदम उठाया जाएगा।
अखिल भारतीय चंद्रवंशी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू नेता दंत रोग विशेषज्ञ डॉ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि राजगीर में एक चौक का नाम महाराज जरासन्ध जी के नाम से रखा जाए। साथ ही उनके आदम कद प्रतिमा उस चौक पर लगाया जाए। इस महोत्सव में चंद्रवंशी समाज के सैकड़ों प्रतिनिधियों और वत्तफ़ाओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वजीत चंद्रवंशी, प्रदेश महासचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा, जिलाध्यक्ष वीरू चंद्रवंशी, डोली यूनियन के अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी सहित कई लोग शामिल हुए।