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केंद्र ने डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ाया, घरेलू कच्चे तेल पर टैक्स में कटौती


नई दिल्ली,  केंद्र सरकार ने डीजल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि की है। वहीं, विमान ईंधन को फिर से इसके दायरे में लाया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को पांच रुपये से बढ़ाकर सात रुपये प्रति लीटर किया गया है। विमान ईंधन पर फिर से दो रुपये प्रति लीटर का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया है। इस महीने की शुरुआत में विमान ईंधन पर लगने वाले अप्रत्याशित कर को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था।

मंत्रालय के मुताबिक, घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ को घटाकर 13 हजार रुपये प्रति टन किया गया है। अभी तक इस पर 17,750 रुपये प्रति टन का कर लग रहा था। सरकार ने एक जुलाई को पहली बार पेट्रोल-डीजल, विमान ईंधन और घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर अप्रत्याशित कर लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद दो बार अप्रत्याशित कर में बदलाव किया गया है।

वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस वजह से भारतीय खुदरा ईंधन विक्रेताओं को पेट्रोल की बिक्री पर घाटा नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल की बिक्री पर नुकसान जारी है। डीजल देश में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला ईधन है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड गुरुवार को 94.91 डालर प्रति बैरल के भाव पर था। वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण कच्चा तेल बीते दिन छह महीने के निचले स्तर 91.51 डालर पर आ गया है।

कच्चे तेल का मौजूदा भाव भारत के लिए राहत की बात है, क्योंकि देश अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि कीमतों में गिरावट से इंडियन आयल कारपोरेशन जैसे खुदरा ईंधन विक्रेता को अब पेट्रोल पर कोई नुकसान नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल पर कुछ घाटा अभी भी जारी है।

सरकारी तेल कंपनियों आइओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य को अंतरराष्ट्रीय कीमत के अनुसार नहीं बढ़ाया है। इन कंपनियों ने महंगाई पर काबू पाने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए ऐसा किया है। अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इन कंपनियों को एक समय डीजल पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि डीजल पर नुकसान अब घटकर चार से पांच रुपये प्रति लीटर रह गया है।