मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 15 नवम्बर तक पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए जाने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद एक्शन मोड में हैं। मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे के करीब वह अचानक पीडब्ल्यूडी मुख्यालय पहुंच गए। इस दौरान एचओडी को छोड़ कई अधिकारी-कर्मचारी गायब मिले। इस पर उनसे जवाब तलब किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लापरवाही के आरोप में बाराबंकी के दो इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है। छह इंजीनियरों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। मंगलवार की सुबह-सुबह दफ्तर खुलने के समय के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री मुख्यायल पहुंचे तो वहां कई अधिकारी-कर्मचारी गायब मिले। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने समय पर दफ्तर न पहुंचने वाले इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रदेश में गड्ढा मुक्त की जा रही सड़कों के बारे में हर दिन की रिपोर्ट देने को कहा। इसके साथ ही एक कंट्रोल रूम स्थापित करने का भी निर्देश दिया। बता दें कि पीडब्ल्यूडी मंत्री इसके पहले प्रदेश करीब आधा दर्जन जिलों में स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। इस दौरान कई खामियां मिलीं जिन पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने बाराबंकी के दो इंजीनियरों के सस्पेंड करने के साथ ही छह अधिशासी अभियंताओं से स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गड्ढा मुक्ति के लिए तय डेडलाइन करीब देख पीडब्ल्यूडी मंत्री ने एक महीने के लिए सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को हर दिन होने वाले काम की प्रगति रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया। हाल में कानपुर सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान विधायक सुरेंद्र मैथानी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के बीच बहस हो गई थी। इसके बाद मंत्री जितिन प्रसाद खुद भाटिया तिराहे से पनकी मंदिर तक बनी सीसी रोड देखने जा पहुंचे थे। वहां खुद सड़क खुरची तो 34 करोड़ की सीमेंटेड रोड से मिट्टी निकल आई। यह देख भड़क गए और ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दे दिया। यहां तक कहा कि पूरे मामले की जांच कराएं। अधिशासी अभियंता के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की संस्तुति भेजें। बैठक में सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि भाटिया तिराहे से पनकी मंदिर तक की सीसी रोड साल भर में ही उखड़ गई। इस पर अधिशासी अभियंता आरके त्रिपाठी ने यह कहकर गुमराह करने की कोशिश की कि रोड 2016 में बनाई गई थी। विधायक ने कहा कि अफसर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने जितिन प्रसाद से आग्रह किया-मंत्री जी, आप खुद चलकर सड़क देख लें। पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। आखिरकार जितिन प्रसाद करीब 5 बजे भाटिया तिराहा पहुंचे। वहां से पनकी मंदिर रोड का पौन घंटे तक निरीक्षण किया। खुद रोड खुरचने लगे तो सिर्फ अंगुली फिराते ही मिट्टी निकल आई। यह देख पारा चढ़ गया। राजधानी लखनऊ में निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने नेशनल पीजी कालेज के सामने महाराणा प्रताप मार्ग के नवीनीकरण निर्माण कार्य को (घटिया निर्माण) अधिमानक पाया। जिसके बाद इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने बीते 19 अक्तूबर को लखनऊ में महाराणा प्रताप मार्ग का निरीक्षण किया था।