Post Views: 686 हृदयनारायण दीक्षित मानवीय सृजन कर्मका सबसे बड़ा फल है भाषा। भाषा अद्भुत लब्धि है। वाणीके जन्मका इतिहास बहुत प्राचीन है। ऐतरेय उपषिदमें कहते हैं, सबसे पहले हिरण्यगर्भ था। इससे मुख छिद्र बना। मुखसे वाणी निकली। वाणीका रस बड़ा प्यारा है। ‘बतरसÓ का आनन्द ही कुछ और है। हम सब जीवनका अधिकांश भाग […]
Post Views: 772 ब्रिटेनमें कोरोना वायरसका नया रूप सामने आनेसे न केवल ब्रिटेन, बल्कि विश्वके अनेक देशोंमें काफी चिन्ता बढ़ गयी है, क्योंकि यह नया वायरस ७० प्रतिशत अधिक घातक है। ब्रिटेनके स्वास्थ्यमंत्रीने रविवारको स्वीकार किया कि लन्दन और दक्षिण-पूर्वी इंग्लैण्डमें लगा लाकडाउन महीनोंतक आगे बढ़ सकता है। नया वायरस नियंत्रणसे बाहर हो गया है। […]
Post Views: 1,095 विश्वमें ऐसा कोई द्विपक्षीय रिश्ता नहीं है जो इतना व्यापक, जटिल और गुणात्मक तौरपर समृद्ध हो, जितना कि अमेरिका और भारतका है। हम रक्षा, आतंकवादसे मुकाबले, साइबर सुरक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कृषि, अंतरिक्ष और बहुत-से अन्य क्षेत्रोंमें आपसी सहयोग कर रहे हैं। पिछले दो दशकोंके दौरान […]