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हावड़ा-मुंबई मेल कैसे मालगाड़ी से टकराई, सुबह 3.45 बजे पोल नंबर 2993 के पास आखिर क्या हुआ?


चक्रधरपुर/सरायकेला। सरायकेला-खरसावां जिले के बड़ाबाम्बो पोटोबेड़ा के समीप मंगलवार की तड़के 3.45 बजे अप लाइन पर दौड़ रही हावड़ा-मुंबई मेल (12810) एक्सप्रेस (24 कोच) डिरेल मालगाड़ी (Howrah Mumbai Mail Accident) से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मेल एक्सप्रेस के टकराते ही ट्रेन के चालक ने ब्रेक लगा दी।

ब्रेक लगते ही ट्रेन से तेज आवाज करने लगी। तेज रफ्तार में होने के कारण मेल एक्सप्रेस के कोच एक-एक कर पटरियों से नीचे उतरने लगे और यात्री एक दूसरे एक ऊपर गिरने लगे। कुछ ही पल में वहां चीख-पुकार मच गई। पास के गांव के लोग चीख-पुकार की आवाज सुनकर भागते हुए घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्य में लग गए।

देखते ही देखते रेलवे के अधिकारी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक पहुंचने लगे और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इस हादसे में कई यात्रियों के घायल होने की खबर है और दो यात्रियों की मौत हो गई है। सरायकेला खरसावं जिले के एसपी मुकेश कुमार लुणायत अपनी टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे। काफी संख्या में फोर्स को तैनात कर दिया गया।

कैसे हुआ हावड़ा-मुंबई मेल हादसा?

जानकारी के मुताबिक, ई/एन/जेबीसीटी नामक मालगाड़ी बड़ाबंबू और राजखरसावां स्टेशन के बीच पोल संख्या 299/3 के पास डाउन लाइन से पहले ही बेपटरी हो चुकी थी। इसी बिच अप रेल लाइन से तेज गति से आ रही हावड़ा-मुंबई मेल का इंजन बेपटरी हुई मालगाड़ी के डिब्बे से (Jharkhand Train Accident) टकरा गया।

टक्कर के बाद (Howrah-Mumbai train derailment) हावड़ा-मुंबई मेल के 20 कोच क्षतिग्रस्त हो गए। टक्कर के दौरान मालगाड़ी पर चढ़ा प्लास्टिक हावड़ा-मुंबई मेल के इंजन के शीशे पर फंस गया। इस हादसे में मेल एक्सप्रेस के एसी कोच को ज्यादा नुकसान हुआ है और एसी कोच के ज्यादा यात्री घायल हुए हैं।

पटरियां तक उखड़ गई

दोनों ट्रेनों के बीच टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि रेलवे लाइन में लगी पटरियां तक उखड़ गईं। पटरियों के ऊपर लगे ओएचई (ओवरहेड) तार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद मौके पर राहत कार्य शुरू किया गया। इस दौरान कोच को काट कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। कई यात्रियों को एसी कोच के शीशे तोड़कर बाहर निकाला गया।

साउस ईस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ ओमप्रकाश चरण ने बताया कि हादसे में दो लोगों की मौत हुई और 5 से 6 लोग घायल हुए हैं। चार घायल यात्रियों को 50,000/- रुपये की अनुग्रह राशि पहले ही दी जा चुकी है। शेष घायल यात्रियों को अनुग्रह अनुदान देने की प्रक्रिया चल रही है।

बिखरा पड़ा यात्रियों का सामान

ट्रेन हादसे के बाद घायलों को तुरंत इलाज के लिए चक्रधरपुर स्थित अस्पताल ले जाय गया। इस दौरान रेल यात्रियों का सामान कोच में ही बिखरा हुआ था। राहत टीम यात्रियों की जान बचाने के काम में लगी हुई थी। क्रेन की मदद से कोच को उठाकर सीधा किए जाने का काम शुरू कर दिया गया।

बसों से पहुंचाया गया यात्रियों को गंतव्य तक

ट्रेन हादसे के बाद कुछ यात्रियों ने अपने स्वजनों को फोन कर घटनास्थल पर बुला लिया तो कुछ यात्रियों को बसों की मदद से चक्रधरपुर तक पहुंचाया गया। यात्रियों की सुविधा के लिए एक राहत ट्रेन को भी घटनास्थल पर लाया गया था, ताकि उस ट्रेन पर सवार होकर यात्री चक्रधरपुर तक जाएं फिर वहां से गंतव्य तक जाने के लिए व्यवस्था की गई।

पेंट्री कार के कर्मचारी पर गिरा उबलता हुआ पानी

पेंट्री कार के कर्मचारी अरविंद सिंह ने बताया कि वह रात में काम खत्म कर आराम कर रहा था कि अचानक 3.45 बजे जोरदार आवाज के साथ मेल एक्सप्रेस मालगाड़ी (Train Accident Today) से टकरा गई। उसके टकराते ही गैस पर चढ़ा गर्म पानी उछल कर उसके ऊपर गिर गया। इससे उसका शरीर का पिछला हिस्सा पूरी तरह से जल गया। उसके साथ ही पेंट्री कार में सवार अन्य कर्मचारियों को भी चोट लगी है और पूरा सामान खराब हो गया। काफी मुश्किल से वे लोग पेंट्री कार से बाहर निकले।