नई दिल्ली। गुजरात में भारी बारिश से बाढ़ के हालात हो गए हैं। आम जनजीवन व्यस्त होने के बाद भी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने गुजरात के 11 जिलों के लिए रेड अलर्ट और कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। हालात ये हैं कि बाढ़ के बावजूद लगातार बारिश हो रही है। वर्षाजन्य हादसों में 30 लोगों की मौत हो गई है। इसी बीच भारतीय वायुसेना लोगों को सुरक्षित निकालने में लगातार मदद कर रही है। एयरफोर्स के एक हेलिकॉप्टर ने गुरुवार को द्वारका से चार लोगों का रेस्क्यू किया। आखिर गुजरात में इतनी बारिश की वजह क्या है। मौसम विज्ञानियों और पर्यावरणविदों ने बताया कि गुजरात में इतनी बारिश क्यों हो रही है।
सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें तैनात
सेना की 6 टुकड़ियां युद्धस्तर पर प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। बाढ़ग्रस्त इलाकों से करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बुधवार को भी राज्य के कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई। बारिश के कारण राज्य की नदियां उफान पर हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय वायु सेना और भारतीय तट रक्षक बल भी राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
मानसून ने बदला रूट, पहुंच गया गुजरात
मानसून की चाल आमतौर पर इस तरह होती है कि वह पहले बंगाल की खाड़ी से उठता है। यानी बंगाल की खाड़ी में बनने वाला लो प्रेशर का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी की ओर बढ़ता है। उसका रूट आमतौर पर बिहार, यूपी होते हुए पंजाब और हरियाणा तक होता है। लिहाजा इन राज्यों में मानसूनी बारिश जोरदार होती है। इस बार बारिश वाला लो प्रेशर के क्षेत्र ने अपना रूट बदल लिया। यह रूट एमपी, महाराष्ट्र गुजरात व राजस्थान होते हुए पश्चिम दिशा की ओर उन्मुख हो गया है।
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विज्ञान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार जलवायु परिवर्तन गुजरात और ऐसे ही अन्य इलाकों में होने वाली भारी बारिश की मुख्य वजह है। इसी कारण राज्यों के ऊपर बारिश का पैटर्न बदल रहा है। स्काईमेट के अनुसार बंगाल की खाड़ी पर चार निम्न दबाव वाले क्षेत्र क्षेत्र बने। इन सभी ने उत्तर की ओर पारंपरिक रूट पकड़ने की बजाय पश्चिम की ओर रूख किया। यही कारण रहा कि गुजरात, राजस्थान में भारी बारिश हो रही है।
हिंद महासागर का जरूरत से ज्यादा गर्म होना
प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉक्टर सीमा जावेद का कहना है कि इस बार हिंद महासागर जरूरत से ज्यादा गर्म रहा। इस कारण भी केरल और गुजरात जैसे एक पर्टिकुलर इलाकों में भारी बारिश हुई है। डॉ. जावेद ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ही केरल के वायनाड और गुजरात व पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हुई है। बारिश का पैटर्न बदलने और ग्लोबल वार्मिंग के कारण भारी बारिश हो रही है। डॉ. जावेद के अनुसार बारिश के इस महीने में ज्यादा निम्न दबाव के सिस्टम देखने को मिलते हैं। इस कारण कई राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश होती है।