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असम के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हिमंत बिस्वा सरमा का पूरा राजनीतिक जीवन


  • दिसपुर,। असम के नए मुख्यमंत्री के नाम पर कई दिनों से जारी सस्पेंस आज खत्म हो गया। भाजपा विधायक दल की बैठक में असम के नए मुख्यमंत्री के तौर पर हिमंत बिस्वा सरमा के नाम पर मोहर लग गई। हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी 1969 को कैलाश नाथ सरमा और मृणालिनी देवी के यहां हुआ था। सर्वप्रथम साल 2001 में जलुकबरी सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए वह पहली बार विधायक बने।

शैक्षिक पृष्ठभूमि

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा 1985 में कामरूप एकेडमी स्कूल गुवाहाटी से ग्रहण की और इसके बाद गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज में आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया, जहां से उन्होंने राजनीतिशास्त्र में स्नातक किया। इसके अलावा उन्होंने कानून में भी स्नातक किया। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की।

राजनीति में आने से पहले की वकालत

कानून की डिग्री लेने के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने 1996 से 2001 तक गुवाहाटी हाई कोर्ट में कानून का अभ्यास किया।

राजनीतिक जीवन

हिमंत बिस्वा सरमा 1996 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और पहली बार साल 2001 में जलुकबरी सीट विधायक बने। उन्होंने असम गण परिषद के भृगु फुकन को हराया। इसके बाद उन्होंने लगातार चार बार जलुकबरी सीट से चुनाव जीता। इस बार वह 5वीं बार इस सीट से चुनाव जीते हैं। साल 2015 में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से मतभेदों के चलते उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली। कांग्रेस में रहते उन्होंने शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, कृषि मंत्री, योजना एवं विकास मंत्री, पीडब्लूडी और वित्त जैसे विभागों को संभाला।

भाजपा में शामिल होने के बाद बिस्वा का राजनीतिक सफर

साल 2015 तक वह असम में कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा थे, लेकिन इसी साल उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और कुछ ही महीनों में वह न केवल भाजपा का बल्की पूर्वोत्तर का जाना पहचाना चेहरा बन गए। साल 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने पूर्वोत्तर को कांग्रेस मुक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाई।