समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने के लिए दिया गया यह सम्मान
बिहारशरीफ (आससे)। वर्षों से मशरूम उत्पादन में बिहार और झारखंड के लोगों को जागरूक करने, शिक्षा के प्रति लोगों को प्रेरित करने जैसे समाजसेवा से जुड़े रहे संजीव कुमार को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया। बीआईटी सिंदरी से वर्ष 2000 में इंजीनियरिंग करने के बाद सरकारी नौकरी के बजाय समाजसेवा को चुनने वाले संजीव कुमार लगातार वर्षो। से इस क्षेत्र में काम करते रहे है। समाजसेवा के इस जज्बे को देखते हुए उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दिया गया है। यह मानद उपाधि फॉर्मरली महात्मा गांधी ग्लोबल पीस फाउंडेशन (एमजीजीपीएफ) इंडिया द्वारा प्रदान किया गया है।
संजीव कुमार ने कई क्षेत्रों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। खासकर मशरूम उत्पादन में लोगों को वे तब से प्रेरित करते रहे है जब बिहार जैसे राज्य में मशरूम नई चीज कहलाती थी। लोग इसके प्रति जागरूक कम थे। एक गांव से शुरू कराकर उन्होंने इस आंदोलन को बिहार और झारखंड तक फैलाया। इसी बीच उन्होंने जनहित शौचालय का निर्माण करवाया, जिसके मानव मूत्र का उर्वरक के रूप में उपयोग हुआ है। कई मीडिया में इनका यह उपलब्धि प्रकाशित भी हुआ है। मशरूम उत्पादन में वे अभी भी लगातार जुड़े हुए है। यही वजह है कि उन्हें मशरूम मैन के नाम से भी जाना जाता है।
संजीव कुमार को बिहार सरकार द्वारा किसान श्री अवार्ड, सरदार पटेल सम्मान, द श्याम नारायण सिंह सामाजिक सद्भावना सम्मान, मानवता की शांति जैसे अवार्ड दिये जा चुके है। एग्रो बेस्ड रिसर्च इंस्टीच्यूट के प्रबंधन निदेशक भी है। इसके साथ ही एटीएम के चेयरमैन, आरएससी दूरदर्शन के सदस्य श्याम नारायण सिंह फाउंडेशन के सचिव, पेस्ट निगरानी एवं सलाहकार समिति के सदस्य, राइट टू एजुकेशन फार्म के संयोजक जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेवारी संभाल रहे है। वे पत्रकारिता से भी जुड़े रहे है। पटना से प्रकाशित हिंदी दैनिक ‘‘आज’’ में लगातार 20 वर्षों से अधिक से वे पत्रकारिता करते रहे है।