पटना

पटना: 2739 मिडिल स्कूलों में बनेंगे स्मार्टक्लास


      • शुरू होगी बुनियादी साक्षरता एवं अंकज्ञान से जुड़ी योजना
      • समग्र शिक्षा कार्यक्रम के लिए केंद्र से मिली 6652 करोड़ की स्वीकृति

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के 2739 मिडिल स्कूलों में स्मार्टक्लास बनेंगे। इसके साथ ही नयी शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में 330 करोड़ रुपये से बुनियादी साक्षरता एवं अंकज्ञान से जुड़ी नयी योजना भी शुरू होगी। दोनों योजनाएं सर्व शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में  समग्र शिक्षा अभियान के तहत शुरू होगी। चालू वितीय वर्ष 2021-22 में समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य में 7966 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।

केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की मंगलवार को हुई ऑनलाइन बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार के लिए 6652 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी। इसके साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष की अवशेष राशि 1313 करोड़ रुपये के खर्च की भी मंजूरी दी गयी। इससे चालू वित्तीय वर्ष में समग्र शिक्षा अभियान पर 7966 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के शिक्षा विभाग के साक्षरता एवं स्कूली शिक्षा की सचिव अनिता करवाल ने की।


बच्चों को टैब देने से केंद्र ने खड़े किए हाथ

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब देने से केंद्र ने हाथ खड़े कर दिये हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने मंगलवार को खारिज कर दिया। केंद्र के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक मंगलवार के ऑनलाइन हुई।

इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के शिक्षा विभाग के साक्षरता एवं स्कूली शिक्षा की सचिव अनिता करवाल ने की। इसमें बिहार से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। 

बैठक में राज्य के सरकारी स्कूलों के 9वीं एवं 10वीं कक्षा के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब देने का प्रस्ताव रखा गया था। 9वीं एवं 10वीं कक्षा में बच्चों की संख्या 26 लाख है। प्रति बच्चा 10 हजार रुपये की दर से 26 लाख बच्चों के लिए 2600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था। 


बैठक में बिहार से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह एवं राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रविशंकर सिंह शामिल हुए। पिछले साल के मुकाबले इस साल का बजट 250 करोड़ रुपये ज्यादा है। पिछले साल 6392 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली थी। हालांकि, बिहार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के लिए 13142 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव बैठक में रखा गया था।

चालू वित्तीय वर्ष 2022-22 के लिए स्वीकृत 6652 करोड़ रुपये में से प्रति मिडिल स्कूल दो लाख 40 हजार रुपये की दर से 2739 मिडिल स्कूलों में स्मार्टक्लास बनेंगे। इसके साथ ही 3600 करोड़ रुपये समग्र शिक्षा के शिक्षकों के वेतन पर खर्च होंगे। पोशाक योजना पर 898 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों की पाठ्यपुस्तकों के लिए 494 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गयी है। पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पाठ्यपुस्तक खरीदने के लिए नकद पैसे दिये जाते हैं।

बैठक में बिहार में बच्चों के दाखिले के लिए चलाये गये विशेष नामांकन अभियान की सराहना की गयी। खासकर उन बच्चों के नामांकन अभियान की, जो कोरोनाकाल में अपने माता-पिता के साथ दूसरे राज्यों एवं शहरों से अपने गांव लौटे हैं। ऐसे 98 हजार बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। पीजीआई में सुधार को लेकर भी बैठक में बिहार की सराहना हुई।