राज्य पात्रता परीक्षा के तहत अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी आरक्षण बनाये रखने को सौंपा ज्ञापन
मुजफ्फरपुर। बुधवार को दिल्ली मे सांसद अजय निषाद ओबीसी सांसदों के एक समूह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और नीट-युजी एवं नीट-पीजी के तहत अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण बहाल करने के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा।
श्री निषाद ने कहा कि आजादी के लंबे समय बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में एक ऐसी सरकार चल रही है जिसने सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े,दलित,अनुसूचित जनजाति तथा आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्ण(ईडब्ल्यूएस)तबके के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम किया है।दशकों से लंबित ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने का काम भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस सरकार ने किया है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके ईडब्ल्यूएस को सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 10 % आरक्षण देने का निर्णय करके मोदी सरकार ने सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक विकास में समाज के हर वर्ग की भागीदारी को सुनिश्चित करने का काम किया है।
एनईईटी के प्रावधानों के अनुसार राज्यों के सरकारी कॉलेजों व प्राइवेट मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों को कुल सीटों की संख्या में से स्नातक (एमबीबीएस) पाठ्यक्रमों के लिए 15% तथा स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) पाठ्यक्रमों के लिए 50% सीटें अखिल भारतीय कोटे में खाली रखना आवश्यक है, जिससे देश के किसी भी हिस्से के अभ्यर्थी संविधान सम्मत व्यवस्था से मिले आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप इसका लाभ उठा सकें।
श्री निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री से मिलकर ओबीसी सांसदों ने ज्ञापन के माध्यम से एनईईटी के तहत तय अखिल भारतीय कोटे में स्नातक (एमबीबीएस) व स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) पाठ्यक्रमों हेतु ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस के अभ्यर्थियों के लिए तय आरक्षण की व्यवस्था को ठीक ढंग से लागू कराने के विषय को संज्ञान में लाया। सभी सांसदों ने कोविड के दौरान प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वसुधैव कुटुंबकम की भावना से हुए कार्यों की सराहना की।साथ मे सांसद रामनाथ ठाकुर,प्रो एस पी सिंह बघेल,अनुप्रिया पटेल सहित कई ओबीसी सांसद मौजूद रहे।