केन्द्रकी तरह प्रदेशका बजट भी होगा पेपरलेस
लखनऊ (आससे) । केंद्र सरकार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी ई – कैबिनेट की कार्य प्रणाली लागू हो गयी है। प्रदेश में अब ई-कैबिनेट बैठक के साथ ही विधानमंडल की कार्यवाही भी पेपरलेस होगी। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की कार्यशाला के बाद यह नई व्यवस्था लागू की है। प्रदेश में अब ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू होने के बाद मंत्री फाइलों का ग_र लेकर नहीं आएंगे। अब से सभी कार्यवाही टैबलेट पर होगी। उत्तर प्रदेश में अब कैबिनेट बैठक से विधानमंडल कार्यवाही तक सब कुछ पेपरलेस होगी। साथ ही कहा कि 18 फरवरी से शुरू हो रहे विधानमंडल सत्र से पहले सभी सदस्यों को टैबलेट देकर प्रशिक्षण दिया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू किये जाने के लिए अपने मंत्रियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू होने से मंत्रिपरिषद की कार्यवाही पेपरलेस हो जाएगी। इससे ई-गवर्नेन्स और ई-ऑफिस की व्यवस्था के और प्रभावी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प ‘मिनिमम गवर्नमेण्ट,मैक्सिमम गवर्नेन्सÓ के अनुरूप कार्यों को स पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी।उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक को ई-कैबिनेट माध्यम से स पन्न कराने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गहन प्रशिक्षण कराया जाए। मंत्रिगण को उनसे समय लेकर उनके घर व कार्यालय में भी ई-कैबिनेट के स बन्ध में प्रशिक्षित कराया जाए। मंत्रिगण को ई-कैबिनेट के सिक्योरिटी फीचर्स के संबंध में जानकारी देकर अभ्यास कराया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट की तरह राÓय के बजट को भी पेपरलेस किये जाने के प्रयास किये जाएं। मु ख्यमंत्री ने कहा कि विधान मण्डल सत्र से पहले सभी सदस्यों को भी टैबलेट उपलब्ध कराये जाएं। टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए विधायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद एवं विधान मण्डल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुडऩे से नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनता हुआ दिखायी देगा।मु यमंत्री ने कहा कि विगत दिनों लखनऊ आए केंद्रीय खाद्य सचिव ने उन्हें अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली से सन्तुष्टि का स्तर 96 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। राज्य में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली की सफलता ई-पॉस मशीनों के व्यापक उपयोग से स भव हुई है। विगत दो वर्षों में राÓय को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है।मु ख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट व्यवस्था के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि ई-कैबिनेट व्यवस्था के अन्तर्गत सिक्योरिटी फीचर्स का ध्यान रखा गया है। ई-कैबिनेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी मंत्रिगण मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रतिभाग कर सकेंगे। इसके विगत कैबिनेट के निर्णयों तथा उनके क्रियान्वयन की भी जानकारी सुलभ होगी।