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Uttarakhand : महिला सुरक्षा के लिए एप लांच, मुख्‍यमंत्री ने कहा – अपराध रोकने को जन सहभागिता जरूरी


देहरादून :: राज्य में कानून व्यवस्था एवं महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक में भाग लिया।

स्व रजिस्ट्रेशन सुविधा की शुरुआत

इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पुलिस एप के अन्तर्गत सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालयों/संस्थानों में कार्यरत महिलाओं के लिए स्व रजिस्ट्रेशन सुविधा की शुरुआत की। इस एप में किसी भी कार्यालय में कार्यरत महिलाएं गौरा शक्ति एप से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के दृष्टिगत सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालयों में कामकाजी महिलाओं को इस एप में रजिस्ट्रेशन के लिए प्रेरित किया जाए। व्यापक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार भी किया जाए। सभी जनपदों में इसके लिए संगोष्ठियों एवं अन्य प्रचार माध्यमों से प्रचारित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गौरा शक्ति के तहत प्राप्त होने वाली शिकायतों पर संबंधित थानों से त्वरित कारवाई की जाए। उच्च स्तर से कृत कारवाई की नियमित निगरानी रखी जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

इस एप में रजिस्ट्रेशन करने वाली सभी महिलाओं की रजिस्ट्रेशन से संबंधित जानकारी को गोपनीय रखा जायेगा।इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक महिला सब इंस्पेक्टर व थानों में एक महिला सब इंस्पेक्टर एवं एक महिला कांस्टेबल तैनात की गई है। गौरा शक्ति के अन्तर्गत स्व रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त महिलाएं ई-शिकायत भी दर्ज करा सकती हैं, साथ ही इसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोन नम्बर भी उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए। साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए। ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं।

प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं। मुख्यमंत्री ने पुलिस कंट्रोल रूम में बात कर जन शिकायतों के निस्तारण के लिए की जा रही कार्रवाइ की जानकारी भी ली।

महिला अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर थाने में महिला सब इंस्पेक्टर की तैनाती हो। महिला मित्र प्रकोष्ठ की स्थापना की जाए। महिला के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। महिलाओं से जुड़े संगठनों से नियमित सम्पर्क रखा जाए। सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें।

महिला अपराधों से संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो। शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पुलिस की वेबसाइट पर अपराधियों के नामों की लिस्ट अपलोड की जाए। म

हिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल दूर की जाएं। वहीं बैठक में जानकारी दी गई कि सीएम हेल्पलाईन में पिछले 10 माह में जो शिकायतें दर्ज हुईं, उनमें से 92 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, एडीजी वी मुरूगेशन, आईजी एपी अशुमान, अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, डीआईजी गढ़वाल केएस नगन्याल, डीआईजी सेंथिल अबुदई, पी रेनुका देवी, जिलाधिकारी देहारादून सोनिका, एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार व सभी जिलाधिकारी व एसएसपी उपस्थित रहे।