बेगूसराय (आससे)। दसवीं बोर्ड परीक्षा की कॉपी मूल्यांकन में हुई लापरवाही को लेकर परीक्षा नियंत्रक ने जाँच का आदेश दिया था। बताते चले कि ‘आज’ हिन्दी दैनिक के वेब पोर्टल पर 19 मार्च को और 20 मार्च को आज हिन्दी दैनिक अखबार में 19 मार्च को मूल्याकंन केंद्र की वीडियो वायरल की खबर शीर्षक ‘सामाजिक विज्ञान के शिक्षक गणित विषय की कॉपी मूल्यांकन कर रहे क्या होगा भविष्य’ प्रमुखता से छपी थी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के परीक्षा नियंत्रक ने भी इस मामले में डीएम को पत्र लिखकर एसएएस उच्च विद्यालय बलिया के प्रभारी प्रधान एवं सहायक शिक्षक को दोषी बताया था। परीक्षा नियंत्रक ने अपने पत्र में कहा है कि एसएएस प्लस टू विद्यालय बलिया के प्रभारी एचएम बिहार विद्यालय परीक्षा अधिनियम 1981 का उलंघन बताया था।
इसी मामले को लेकर समिति के परीक्षा नियंत्रक ने डीएम अरविंद कुमार वर्मा को इस संबंध में पत्र लिखा था। साथ ही उक्त मामले की जांच करवाने का आदेश दिया था। परीक्षा नियंत्रक ने कहा था कि समिति के व्हाट्सअप पर सामाचार पत्र की कतरन से यह सूचना मिली की जिला में एसबीएसएस कॉलेज पर सामाजिक विज्ञान के शिक्षक द्वारा गणित की कॉपी का मूल्यांकन कार्य किया जा रहा है। इसी मामले को लेकर 4 शिक्षकों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी।
उन्होनें अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि सामाचार पत्र में यह स्पष्ट है कि एसएएस उच्च विद्यालय बलिया के प्रभारी प्रधान रंजीत कुमार सुधांशु का गणित विषय में कॉपी मूल्यांकन के लिए नाम है, लेकिन वे अपने साथ अपने विद्यालय के सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हितेश कुमार को मूल्यांकन के लिए लाते हैं तथा उनसे गणित विषय की कॉपी की जांच करवाते हैं। इस दौरान प्रभारी एचएम रंजीत कुमार सुधांशु कॉपी पर हस्ताक्षर करते हैं और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हितेश कुमार कॉपी की जांच करते हैं। वहीं एक अन्य मामले की भी शिकायत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से किया गया था।
वहीं परीक्षा के सैद्धांतिक विषयों के मूल्यांकन के लिए वाणिज्य विषय के शिक्षक से संस्कृत विषय की कॉपी जांच के लिए ओमर प्लस टू विद्यालय तथा कम्प्यूटर साइंस के शिक्षक को गणित विषय की कॉपी मूल्यांकन के लिए बीएसएस स्कूल के लिए विरमित किया गया है। उक्त मामले को लेकर भी परीक्षा नियंत्रक ने वास्तविकता की जांच करते हुए नियमानुसार दोषियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने को कहा था और, दोषी के खिलाफ कार्रवाई कर समिति को अवगत कराने का आदेश दिया गया था।
लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई बताते चलें कि एसडीएस कॉलेज से संबंधित मामले पर अथवा स्पष्टीकरण की मांग की गई थी लेकिन वाणिज्य विषय के शिक्षक से संस्कृत विषय की कॉपी जांच एवं कंप्यूटर साइंस के शिक्षक को गणित विषय की कॉपी मूल्यांकन से संबंधित शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई समिति ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि प्राप्त सूचना के आधार पर यह भी कहना है कि एसएएस प्लस टू विद्यालय बलिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक रंजीत कुमार सुधांशु बिहार विद्यालय परीक्षा अधिनियम का उलंधन करते हुए वार्षिक माध्यमिक परीक्षा के सैद्यांतिक विषयों के मूल्यांकन के लिए वाणिज्य विषय के शिक्षक को संस्कृत विषय के लिए ओमर प्लस टू विद्यालय और कम्प्यूटर साइंस के शिक्षक को गणित विषय की कापी मूल्यांकन के लिए बीएसएस कालेज के लिए विरमित किया था। ज्ञात हो कि कोई भी प्रधान किसी दूसरे विषय के शिक्षक को अन्य विषय के मूल्यांकन के लिए विरमित नहीं कर सकते हैं।
‘आज’ हिंदी दैनिक के वेब पोर्टल एवं अखबार में छपी खबर के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आई थी जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा कुछ कागजी कार्रवाई तो हुई, और संबंधित शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछा गया लेकिन बाद में इस मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके बाद अबतक इस मामले में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है क्या वाणिज्य विषय के शिक्षक से संस्कृत विषय की कॉपी का मूल्यांकन करवाना एवं कंप्यूटर साइंस विज्ञान के शिक्षक से गणित विषय की कॉपी का मूल्यांकन करवाना दोष नहीं था क्या सभी दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी या इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।