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किसान आंदोलन के लिए शनिवार होगा अहम दिन,


नई दिल्ली/सोनीपत : किसान आंदोलन को खत्म हुए एक महीने से अधिक का वक्त हो चुका है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा अब भी सक्रिय है। इसी कड़ी में दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को अहम बैठक होगी। इस बैठक में हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों के साथ केंद्र सरकार के वादों और आश्वासनों की समीक्षा की जाएगी।

संयुक्त किसान मोर्चा को लेकर भी लेंगे निर्णय

ताया जा रहा है कि किसान संगठनों की इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की नई भूमिका को लेकर भी चर्चा होगी। इस दौरान चुनाव में उतरने वाले किसान संगठनों को लेकर भी संयुक्त किसान मोर्चा फैसला लेगा। हमेशा से खुद को गैर राजनीतिक संगठन बताने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के समक्ष है यह बड़ी चुनौती कि क्या वह यूपी समेत अन्य राज्यों में सरकारों के खिलाफ प्रचार के लिए उतरेगा, जैसा कि पश्चिम बंगाल में कर चुका है। बता दें कि  पंजाब के 32 किसान संगठनों में से 22 संगठन संघर्ष मोर्चा बनाकर पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पार्टी बनाकर पंजाब विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं।

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने बीते वर्ष 26 नवंबर से चल रहे किसान आंदोलन को स्थगित करने के ऐलान के बीच यह भी कहा था कि वह इसकी समीझा करेंगे और सरकार ने वादा पूरा नहीं किया तो वे फिर से आंदोलन को बाध्य होंगे। यह जानकारी केंद्र सरकार से बातचीत के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी के सभी सदस्यों के साथ योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान दी थी। किसान नेताओं का कहना था कि 15 जनवरी को एक बार फिर वे स्थिति की समीक्षा करेंगे और अगर केंद्र सरकार वादे पूरे नहीं करती है, तो वे फिर आंदोलन करेंगे। किसान नेताओं ने कहा  था  कि 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा, अगर केंद्र सरकार ने बातें नहीं मानीं तो आंदोलन फिर शुरू होगा।