पटना

पटना: करोड़ों बच्चों को आज से परोसे जायेंगे भोजन


    • नयी व्यवस्था में मिड डे मील के कार्यान्वयन को 70,345 स्कूल तैयार
    • स्कूलों को वेंडर करेंगे सामानों की आपूर्ति
    • कैशलेश होगी पूरी व्यवस्था

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के 70,345 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा में पढऩे वाले करोड़ों बच्चों को 23 महीने बाद सोमवार से गरमागरम भोजन परोसे जायेंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नयी व्यवस्था के तहत बच्चों को मेनू के हिसाब से गरमागरम भोजन परोसने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसके लिए स्कूलों को खाद्यान्न उपलब्ध कराये जा चुके हैं। नयी व्यवस्था के तहत मेनू के हिसाब से स्कूलों को सामग्री की आपूर्ति वेंडर द्वारा की जायेगी। इसके लिए स्कूलों द्वारा वेंडर का चयन किया जा चुका है।

मेनू के हिसाब से बच्चों को सोमवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, मंगलवार को जीरा चावल और सोयाबीन व आलू की सब्जी, बुधवार को हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल, वृहस्पतिवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, शुक्रवार को पुलाव, काबुली या लाल चना का छोला, हरा सलाद, अंडा-मौसमी फल तथा हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल परोसे जाने हैं।

आपको याद दिला दूं कि मिड डे मील के दायरे में प्रदेश के प्रारंभिक विद्यालयों के 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चे हैं। ऐसे विद्यालयों की संख्या 70,345 है। इन स्कूलों के तकरीबन 1.18 करोड़ बच्चे योजना से लाभान्वित हैं। बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन पकाने के लिए रसोइये हैं। मेनू के हिसाब से प्रत्येक कार्यदिवस को  बच्चों को पका-पकाया गरमागरम भोजन परोसने की व्यवस्था है। लेकिन, यह व्यवस्था कोरोनाकाल में मार्च, 2020 से ठप पड़ गयी, ताकि बच्चों को कोरोना से बचाया जा सके। प्रत्येक कार्यदिवस के हिसाब से बच्चों को खाद्यान्न दिये जाने लगे। खाद्यान्न लेने के लिए स्कूलों में बच्चों के अभिभावक बुलाये जाने लगे। भोजन पकाने के मद की राशि बच्चों के बैंक खाते में जाने लगी। यह व्यवस्था कोरोना से बचाव को लेकर स्कूल खुलने के बाद भी चलती रही। इस व्यवस्था के तहत 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों को प्रति कार्यदिवस 100 ग्राम खाद्यान एवं पकाने के मद में 4.97 रुपये देने की व्यवस्था रही।

इसी प्रकार 6ठी से 8वीं कक्षा के बच्चों को प्रति कार्यदिवस 150 ग्राम खाद्यान एवं पकाने के मद में 7.45 रुपये देने की व्यवस्था रही। इस बीच केंद्र ने मध्याह्न भोजन योजना का नाम भी बदल दिया है। इसे केंद्र ने ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना’ का नाम दिया है। यह योजना वित्तीय प्रबंधन की नयी व्यवस्था के तहत लागू हो रही है। नयी व्यवस्था ‘सिंगल नोडल एजेंसी’ (एसएनए) की है। यह पूरी व्यवस्था कैशलेस है।

इस नयी व्यवस्था के तहत सोमवार से स्कूलों में मिड डे मील शुरू करने को लेकर पीएम पोषण योजना के निदेशक सतीश चन्द्र झा द्वारा सभी जिलों के पीएम पोषण योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिये गये निर्देश के तहत तैयारी पूरी है। इसके मुताबिक पीएफएमएस पोर्टल प्रणाली में विद्यालय के प्रधानाध्यापक-प्रभारी प्रधानाध्यापक मेकर तथा संबंधित प्रखंड साधनसेवी चेकर-डाटा एप्रूवल होंगे। पीपीए एडवाइस पर बैंक संचालन के संयुक्त हस्ताक्षरी (प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव) के हस्ताक्षर होंगे।