विजयनारायण नेपालमें लोकतंत्र और राजनीतिके बिखरावका संकट आज और भी गम्भीर हो गया है। कल क्या होगा कहा नहीं जा सकता। नेपालका हर सजग और सचेत नागरिक इस स्थितिसे बेचैनी महसूस कर रहा है। मीडिया लोकतन्त्रको बचानेका अभियान चला रहा है किन्तु सरकार है कि न सुधरनेका नाम ले रही है और न राजनीतिक दलोंमें […]
Author: ARUN MALVIYA
जम्मू-कश्मीरमें आतंकका नया रूप
डा. दीपकुमार शुक्ल जम्मूके एयरफोर्स स्टेशनपर ड्रोन द्वारा हुए हमलेसे आतंकवादका एक नया रूप सामने आया है। उसके अगले दिन सेनाके कैम्पपर भी ड्रोनसे हमला करनेकी नाकाम कोशिश हुई। आगे भी ऐसे ही हमलोंकी आशंका व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञोंके अनुसार इन वारदातोंको सीमा पारसे नहीं, बल्कि घटनास्थलके आसपाससे ही अंजाम दिया गया है। […]
सार्वभौमीकरणसे शिक्षाकी गुणवत्तामें सुधार
जोगिन्दर सिंह किसी देशको अपना भविष्य उज्ज्वल बनानेके लिए उसके बचपनकी देखभाल, पालन-पोषण और संभाल करनी आवश्यक है। जीवनके पहले आठ सालमें और खासकर बाल्यावस्थाके पहले तीन सालके दौरान बच्चेका ठीक पालन-पोषण और देखभाल करना बहुत जरूरी है। इसका असर बच्चेके पूरे जीवनपर पड़ता है। शुरुआती सालोंमें देखभाल और बच्चोंका सही पालन-पोषण उनके फलने-फूलनेमें मदद […]
सुख-समृद्धि
अनूप शास्त्रोंके अनुसार भगवान विष्णुकी पूजा बिना तुलसी पत्तेके अधूरी मानी जाती है। तुलसीकी सेवाभाव करनेसे घरमें सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिंदू धर्ममें तुलसीका पौधा पवित्र, पूजनीय और लाभकारी माना गया है। आयुर्वेदमें भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। हिंदू धर्ममें मान्यता है कि तुलसीके पत्तोंको गंगाजलके साथ मृत व्यक्तिके मुंहमें रखनेसे स्वर्गकी प्राप्ति होती […]
प्रवासी श्रमिकोंकी सुधि
सर्वोच्च न्यायालयने मंगलवारको प्रवासी मजदूरोंके हितमें बड़ा आदेश देते हुए राज्योंको निर्देश दिया है कि ३१ जुलाईतक ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजनाको लागू करें। साथ ही केन्द्र सरकारको भी निर्देश दिया है कि वह राज्योंको अतिरिक्त अनाज आवण्टित करे। सभी राज्योंको प्रवासियोंको सूखा राशन वितरणकी योजना लानेके साथ ही इन श्रमिकोंके लिए सामुदायिक रसोईकी […]
सुनिश्चित हो कृषि उपजका विपणन
डा. जयंतीलाल भंडारी हालमें जारी चालू फसल वर्ष २०२०-२१ के लिए मुख्य फसलोंके तीसरे अग्रिम अनुमानके मुताबिक कोरोनाकी आपदाके बावजूद देशमें खाद्यान्नकी कुल पैदावार रिकार्ड स्तरपर पहुंचते हुए ३०.५४ करोड़ टन अनुमानित है। यह खाद्यान्न पैदावार पिछले वर्षकी कुल पैदावार २९.७५ करोड़ टनके मुकाबले ७९.४ लाख टन अधिक है। पिछले वर्ष २०२० में भी कोरोनाकी […]
पेट्रोलियम उत्पादोंकी मूल्यवृद्धि
के.के. वर्मा भारतमें पेट्रोलियम उत्पादोंकी कीमतोंमें निरन्तर इजाफा देश कई समस्याओंका जनक कहा जा सकता है। महंगी चरमपर है। हर चीज महंगी हो गयी है। रोटी, कपड़ा और मकान मूलभूत जरूरत है, वह भी आसानीसे मुहैया नहीं हो पा रही है। नियंत्रण करनेकी दिशामें कहनेको कुछ कहनेकी आजादी है परन्तु होता कुछ दूर-दूरतक दिखाई नहीं […]
धर्मनिरपेक्षताकी अवधारणा
राघवेन्द्र सिंह जबसे तथाकथित सेकुलरवादकी अवधारणा उधार ली गयी, दोमें उक्त विषयको लेकर समस्याएं ही नजर आने लगी तथा धर्मनिरपेक्ष अर्थात् सेकुलर कहलानेको समाजका एक वर्ग ऊटपटांग हरकते करते नजर आने लगा। जो विचार यूरोपसे रिलीजनके नामसे जाना गया, भारतमें ऐसी कोई चीज थी ही नहीं। हमारे यहां जिसे धर्म कहते थे, वैसा विचार किसी […]
जीवनकी चुनौती
श्रीश्री रविशंकर जब दुनिया आपको दोषी ठहराने लगे। जब आपके अपने ही आपको समझनेकी कोशिश न करें। ऐसी स्थितिमें आपको केवल आंतरिक मजबूती ही रास्ता दिखा सकती है। केवल आपकी आंतरिक मजबूती ही आपको खुश रहनेका अवसर दे सकती है। जब हालात आपके लिए प्रतिकूल हो जाते हैं, तब आपको सहनशक्ति, साहस और आगे बढऩेके […]
बड़ी उपलब्धि
रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संघटन (डीआरडीओ) ने सोमवारको प्रात: दस बजकर ५५ मिनटपर ओडिशाके बालासोरमें डाक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीपसे परमाणु क्षमतासे लैस अगली पीढ़ीकी मिसाइल अग्नि-पीका सफल परीक्षण कर राष्ट्रका गौरव बढ़ाया है। यह एक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता एक हजारसे दो हजार किलोमीटर है। यह सतहसे सतहपर मार करनेवाली मिसाइल है, […]