अशोक भगत दुनियाकी दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्यावाला देश भारत रोजगारके मामलेमें बेहद पिछड़ा माना जाता है। मानव सभ्यता विकासके प्रथम चरणसे ही प्रगतिका मापदंड रोजगार ही रहा है। इसमें यदि कोई देश पिछड़ा है तो अमूमन यह मान लिया जाता है कि उसकी आर्थिक प्रगति कमजोर है। आंकड़ोंके अनुसार भारतमें मात्र ३.७५ प्रतिशत लोगोंके पास […]
Author: ARUN MALVIYA
भ्रामक इतिहासको सुधारनेकी पहल
अरविंद जयतिलक यह स्वागतयोग्य है कि शिक्षा मंत्रालयसे जुड़ी संसदकी स्थायी समितिने शिक्षण संस्थाओंमें पढ़ाये जा रहे भ्रामक एवं गैर-ऐतिहासिक तथ्योंको हटाकर इतिहासको संवारने-सहेजनेका मन बना लिया है। इस पहलसे देशकी नयी पीढ़ीको सही और तथ्यात्मक इतिहास पढऩेका मौका मिलेगा तथा साथ ही देशकी महान विभुतियोंके बारेमें गढ़े-बुने गये भ्रामक तथ्योंको दुरुस्त कर सही तथ्यों […]
परम साधन
दीपचन्द परमपिता परमात्माका साक्षात्कार करनेकी विधिका नाम उपासना है। शांत चितसे ईश्वरका ध्यान करते हुए उसकी समीपताका अनुभव करना, अपनी आत्माको आनंद स्वरूप परमेश्वरमें मगन करना उपासना कहा गया है। हमारे ग्रंथोंमें इसे भक्ति भी कहा गया है। जिस विधिसे चित्तकी वृत्तियोंका निरोध करके परमेश्वरके चिंतनमें स्वयंको लगाया जाता है, वही भक्ति है। नारद पुराणमें […]
हथियार लाइसेंस घोटाला
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने देशके सबसे बड़े हथियार लाइसेंस घोटालेका खुलासा किया है। जो तथ्य उजागर हुए हैं उसमें जम्मू-कश्मीरके कई जिलाधिकारियों और हथियार डीलरोंकी महत्वपूर्ण भूमिका सामने आयी है। २०१२ से २०१६ के बीच रिश्वत लेकर दो लाख ७८ हजारसे अधिक फर्जी गन लाइसेंस जारी कर दिये गये। जम्मू-कश्मीर देशका सर्वाधिक संवेदनशील राज्य […]
चीनी साम्राज्यवादके मुकाबलेका वक्त
जी. पार्थसारथी रूस और अमेरिका, दोनों देशोंके साथ हमारे संबंध मधुर हैं। तथापि आजकी दुनियामें हकीकत यह है हमारी सीमाओंपर शी. जिनपिंगके नेतृत्ववाले चीनसे चुनौतियां दरपेश हैं। चीन अपनी बढ़ती आर्थिकी और सैन्य ताकतका निरंतर दुरुपयोग करते हुए १८ मुल्कोंके साथ लगती थलीय और जलीय सीमा संबंधी मनमाने दावे जता रहा है। हम यह भी […]
सुचारू रूपसे चले स्ंसद
डा. गौरीशंकर राजहंस प्रधान मंत्रीने विपक्षसे कहा कि आप धारदार प्रश्न पूछिए। परन्तु शांत वातावरणमें उसका उत्तर सुननेके लिए भी तैयार रहिये। क्योंकि संसदमें जो बहस होती है उसे भारतमें सब जगह जनता देखती है और भारत ही नहीं, भारतके बाहर भी लोग उसे देखते हैं और इस बातसे परिचित होते हैं कि भारतमें क्या […]
संसदतक सिमटा किसान आन्दोलन
डा. श्रीनाथ सहाय केंद्र सरकारके तीन नये कृषि कानूनोंके विरोधमें शुरू हुआ किसान आन्दोलन खत्म होनेका नाम नहीं ले रहा। संसदका मानसून सत्र चल रहा है। ऐसेमें एक बार फिरसे किसान आन्दोलन तेज होता दिख रहा है। दिल्ली बार्डरके साथ ही साथ किसान अब दिल्लीमें जंतर-मंतरमें प्रदर्शन कर रहे हैं। चालू सत्रमें किसान आन्दोलनकी गंूज […]
आचरण
श्रीराम शर्मा आजकी समस्याओंका यही सबसे सही समाधान है कि ऐसे व्यक्तियोंकी संख्या बढ़े जो निजी स्वार्थोंकी अपेक्षा सार्वजनिक स्वार्थोंको प्रधानता दें और इस संदर्भमें अपनी प्रामाणिकता सिद्ध करनेके लिए वैसी जीवन प्रक्रिया जीकर दिखायें जिसे सत्ताधारियोंके लिए आदर्श माना जा सके। यदि लोगोंमें समाजके हित साधनकी उतनी ही ललक हो जितनी अपने शरीर या […]
न्याय व्यवस्था बने मजबूत
डा. भरत झुनझुनवाला देशकी न्याय व्यवस्थाकी स्थिति अच्छी नहीं थी। हमारी यह दु:परिस्थिति तब थी जब कोरोनाके पहले हमारे न्यायालयोंमें लंबित वादोंकी संख्यामें विशेष वृद्धि नहीं हो रही थी। वर्ष २०१९ में १.१६ लाख वाद प्रतिमाह दायर किये गये थे जबकि १.१० लाख वाद प्रतिमाहमें निर्णय दिये गये। लंबित वादोंकी संख्यामें प्रति वर्ष केवल छह […]
शिव उपासनाका महापर्व
हृदयनारायण दीक्षित सावन वर्षाका माह है। मेघ धरतीतक उतर आते हैं। यह शिव उपासनाका समय है। शिव अनुभूतिके निराले देवता हैं। शिव महादेव हैं। वैदिक देव सोम वनस्पतियोंके राजा हैं। शिव अपने मस्तकपर सोम धारण करते हैं। सभी देवता सिर्फ देव हैं। शिव महादेव हैं। पौराणिक शिवके गले में सर्पोंकी माला है। वे विषपायी भी […]