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Bhaichung Bhutia के समर्थन में आयीं एचएसपी अध्यक्ष Dr. Bina Basnet, फूंका गया था पुतला


  • गंगटोक नामची स्थित सिंगिथांग के खेल मैदान को अस्पताल न बनाने की सलाह देने पर भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान तथा पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से पुरस्कृत बाइचुंग भूटिया का पुतला दहन किए जाने से सिक्किम की सियासत गरमा गई है। इस मामले में सिक्किम की सभी विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जता रहीं है। उल्लेखनीय है कि सिक्किम में कोविड-19 महामारी से लाकडाउन जारी है। इसके साथ ही राज्य सरकार के द्वारा धारा 144 लागू किया गया है। इसके चलते विगत दिवस 9 जून को दक्षिण सिक्किम के नामची सेंट्रल पार्क में बाइचुंग भूटिया का पुतला जलाया गया।

इस घटना में शामिल महिलाओं की भीड़ नारेबाजी करते दिखी और पुलिस प्रशासन के लोग कैमरा लेकर वीडियो बना रहे थे। बाइचुंग भूटिया कुछ दिन पहले ने राज्य सरकार को नामची सिंगिथाग स्थित खेल मैदान में अस्पताल ना बनाने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि सरकार पश्चिम और दक्षिण जिला के लोगों के लिए अन्य सुविधायुक्त जगह में अस्पताल निर्माण कर सकती है, साथ ही उन्होंने महामारी में सरकार को सुझाव दिया था कि यह समय अस्पताल निर्माण का नहीं बल्कि राज्य के पीएचएससी, पीएचसी और जिला अस्पताल का विस्तार करने का है। बाइचुंग भूटिया के बयान पर ही उनका पुतला फूंका गया था।

उक्त घटना की हाम्रो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) की अध्यक्ष डा. बीना बस्नेत ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उनके द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाइचुंग भूटिया केवल राज्य के नहीं अपितु राष्ट्रीय प्रतीक है। इस दिन को सिक्किम के इतिहास में काला दिवस कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम के इतिहास में कभी भी ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं हुई, जहा न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए नाम और प्रसिद्ध करने वाले सिक्किम की मिट्टी के बेटे को अपनी मातृभूमि में अपमान किया गया हो।