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Budget 2022 की तैयारी में पीएम मोदी ने भी बंटाया हाथ


नई दिल्‍ली, । Budget 2022 की तैयारियों में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विशेषज्ञों से जरूरी राय ले रहे हैं। इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल बनाने के बारे में सुझाव मांगे गए। अधिक पूंजी आकर्षित करने से जुड़े कदमों के अलावा भारत में कारोबार को अधिक सुगम बनाने से जुड़े उपायों पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा सुधारों की प्रक्रिया तेज करने के बारे में भी इस बैठक में विचार-विमर्श हुआ।

प्रधानमंत्री ने इस बैठक में निवेशकों से मिले व्यावहारिक सुझावों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार इन मुद्दों और चुनौतियों के समाधान के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। इस बैठक में मोदी ने सुधारों की दिशा में अपनी सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया। पीएम गतिशक्ति जैसी योजनाओं की शुरुआत और गैरजरूरी अनुपालन बोझ को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की भी चर्चा की गई।

नवंबर में भी 20 बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्मों के प्रतिनिधियों से मुलाकात

प्रधानमंत्री ने इसके पहले नवंबर में भी 20 बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्मों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। निवेशकों के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। वह एक फरवरी 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगी। इसके लिए सरकार ने संबंधित उद्योगों एवं क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श का सिलसिला शुरू कर दिया है।

कई सुधारात्मक कदम उठाए

मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। सरकार भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की कोशिश कर रही है जिससे देश की बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी।

1 फरवरी को आएगा बजट

बजट 2022-23 संसद के बजट सत्र की पहली छमाही के दौरान 1 फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है जो आमतौर पर हर साल जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होता है। वित्त मंत्री विशेषज्ञों के साथ बजट पूर्व मंथन कर रही हैं।

2022 पर फोकस रहेगा बजट का

अगले वर्ष के बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को निरंतर 8 प्रतिशत से अधिक रेट पर रखने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना होगा। 2022-23 का बजट ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में आएगा। हालांकि, तेजी से टीकाकरण के कारण अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव कम गंभीर होने की संभावना है। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2020-21 के COVID-19 आर्थिक संकुचन से निकलने के मामले में दुनिया की कुछ ही अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।