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CAA पर हर कंफ्यूजन होगी दूर, गृह मंत्री अमित शाह की यह 10 बातें आपके हर सवाल का देंगी जवाब


नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को अधिसूचित किए जाने के बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर निशाने साध रहा है। विपक्ष ने कानून को लेकर कई सवाल उठाए हैं, जो अब आम लोगों के दिमाग में भी घूम रहे हैं।

 

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में इन सभी सवालों के जवाब दिए हैं।

मुसलमानों को क्यों नहीं मिला CAA में अधिकार?

  • अमित शाह ने सीएए के तहत मुसलमानों को भारत की नागरिकता न देने के पीछे का कारण बताया है। शाह ने कहा कि सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि ये तीनों देश इस्लामिक हैं। फिर वहां मुसलमान धार्मिक अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं?

 

क्या मुसलमान भी ले सकते हैं नागरिकता?

  • अमित शाह ने मुसलमानों को CAA में शामिल न करने की भी वजह बताई। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि वे अभी भी भारतीय नागरिकता चाहते हैं, तो वे संवैधानिक तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

केरल, बंगाल और तमिलनाडु में क्या सीएए नहीं होगा लागू?

  • सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद केरल, बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि वो अपने राज्य में इसे लागू नहीं होने देंगे। ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और पी विजयन ने कहा था कि वो अल्पसंख्यकों के साथ गलत नहीं होने देंगे।
  • इस पर शाह ने कहा कि वो नागरिकता केंद्र का मुद्दा है और सीएए को कोई राज्य सरकार रद्द नहीं कर सकती। इसलिए ये सभी विपक्षी लोग सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं। शाह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी को खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने वाली एक धारा भी हो तो वो बता दें।

आदिवासियों के अधिकारों को खतरा नहीं

  • शाह ने आगे कहा कि इस कानून के बाद आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी Inner Line Permit है और जो भी क्षेत्र छठी अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां CAA लागू नहीं होगा।

किन लोगों को मिलेगी नागरिकता?

  • अमित शाह ने कहा कि कई हिंदू लोग बिना लीगल प्रोसीजर के भारत में बचकर आए हैं, उन्हें इस कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में 2014 से पहले आए इन लोगों को नागरिकता देने का काम ये कानून करेगा।