सम्पादकीय

लक्षद्वीपपर सवालोंके घेरेमें राजनीतिक दल

संजय राय दिनिया इस समय दो महामारियोंसे जूझ रही है। वैश्विक महामारी कोरोना और राजनीतिक महामारी। इसका सबसे बुरा असर आम आदमीके जनजीवनपर पड़ रहा है। देशकी केंद्रीय और अधिकतर राज्योंकी राजनीतिमें इस समय भाजपाकी सरकार है। भाजपा एक दक्षिणपंथी धुर राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है। पंडित दीनदयाल उपाध्यायका ‘एकात्म मानववादÓ को इस पार्टीकी विचारधाराका प्रमुख […]

सम्पादकीय

मस्तिष्कीय संरचना

श्रीराम शर्मा दुनिया वैसी है नहीं जैसी कि हम उसे देखते हैं। सच तो यह है कि संसारके समस्त पदार्थ कुछ विशेष प्रकारके परमाणुओंकी भागती-दौड़ती हलचल मात्र है। हमारी आंखोंकी संरचना और मस्तिष्कका क्रियाकलाप जिस स्तरका होता है, उसी प्रकारकी वस्तुओंकी अनुभूति होती है। हमारी आंखें जैसा कुछ देखती हैं, आवश्यक नहीं दूसरोंको भी वैसा […]

सम्पादकीय

अनलाककी राहपर

कोरोना महामारीकी दूसरी लहरमें तेज गिरावटका क्रम बने रहनेसे देश अब ‘अनलाक’ की राहपर चल पड़ा है। विभिन्न राज्योंमें पाबन्दियां हटा ली गयी हैं वहीं अन्य राज्योंमें रियायतें भी दी जा रही हैं। जूनमें कई राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशोंने लाकडाउनमें ढील देना शुरू कर दिया है। राहतकी बात यह है कि पिछले ६६ दिनोंके बाद […]

सम्पादकीय

टीकेपर राजनीतिका औचित्य

राजेश माहेश्वरी       कोरोना जैसी आपदाके चलते देशको जिन परिस्थितियोंका सामना करना पड़ा वह बहुत कष्टदायी और दर्दनाक हैं। प्रधान मंत्रीने अपने उद्ïबोधनमें कोरोनाकी स्वदेशी वैक्सीनको लेकर फैलाये गये भ्रमके बारेमें भी बात की। इसमें कोई दो राय नहीं है कि चंद राजनीतिक दलोंने अपनी तुच्छ राजनीतिके लिए टीकेको लेकर भ्रम फैलाया, जिससे टीकाकरणकी रफ्तार मंद […]

सम्पादकीय

कब रुकेगी खाद्यान्नकी बर्बादी

रमेश सर्राफ धमोरा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर २०१८ में पहली बार खाद्य और कृषि संघटनके सहयोगसे विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया था। विश्व स्वास्थ्य संघटनके अनुसार इससे खाद्य सुरक्षा लेकर लोगोंमें जागरूकता फैलायी जा सकती है और विश्व स्तरपर खाद्य पदार्थोंसे होनेवाली बीमारियोंको भी ध्यानमें लाया जा सकता है। खाद्य सुरक्षाके प्रति लोगोंको जागरूक […]

सम्पादकीय

मुनाफेके लिए अमानुषिकताकी ओर बढ़ता समाज

डा. अम्बुज भारत गांवका देश है। देशकी अधिकांश आबादी गांवोंमें रहती है। देशका अन्नदाता भी गांवोंमें रहता है, फिर भी सेवाके लिए कोई गांवमें रहना नहीं चाहता है। विश्व स्वास्थ्य संघटनके हिसाबसे देशमें डाक्टरोंकी भारी कमी है ग्रामीण क्षेत्रोंमें तो डाक्टर नगण्य स्थितिमें हैं। ऐसेमें कोरोना महामारी गांवके ग्रामवासियोंपर कहर बरपा रहा है। १२ दिसम्बर, […]

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संवेदना

जग्गी वासुदेव क्याआपने कभी ध्यान दिया है कि आप जब अलग-अलग तरहके विचारों और भावनाओंसे गुजरते हैं तो आपकी सांसकी बनावट अलग-अलग तरहकी होती है। जब आप क्रोधित अथवा शांत होते हैं तो दूसरे तरीकेसे सांस लेते हैं। यदि आप बहुत खुश या दुख होते हैं तो दूसरे तरीकेसे सांस लेते हैं। आप जिस तरीकेसे […]

सम्पादकीय

टीकाकरणकी नयी रणनीति

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने सोमवारको राष्टï्रके नाम सम्बोधनमें देशमें कोरोनाके खिलाफ जंगमें टीकाकरण अभियानको तेज धार देते हुए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। इससे कोरोनाको परास्त करनेमें काफी सहायता मिलेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोरोनाके प्रोटोकालका कड़ाईसे अनुपालन भी करना होगा। आगामी २१ जूनको योग दिवससे देशके १८ वर्षसे अधिक उम्रवाले हर […]

सम्पादकीय

घातक न हो जाय प्रतिबंध हटाना

डा. जयंतीलाल भंडारी  देशके विभिन्न राज्योंमें कोरोनाकी दूसरी घातक लहरको रोकनेके लिए अप्रैल और मई २०२१ में स्थानीय स्तरपर उपयुक्तताके अनुरूप लाकडाउन लगाये गये हैं। अब विभिन्न प्रदेशोंके विभिन्न क्षेत्रोंमें चरणबद्ध तरीकेसे लाकडाउन खोला जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। ऐसेमें अब अनलॅक करनेकी प्रक्रिया बहुत सावधानीके साथ आगे बढ़ायी जानी होगी। चूंकि अभी कोरोनाका […]

सम्पादकीय

पूरे तन्त्रपर कसनी होगी नकेल

ऋतुपर्ण दवे    भारतीय बैंक घोटालेके सबसे बड़े घोटालेबाज मेहुल चैकसी और उसके भांजे नीरव मोदीपर १३,५७८ करोड़ रुपयोंकी बैंक धोखाधड़ीके आरोप हैं जिसमें ११,३८० करोड़ रुपयोंके फर्जी और बेजा लेने-देन हैं। पीएनबी बैंक घोटाला सात साल चलता रहा किसीको भनकतक नहीं लगी। भागनेसे पहले ही मेहुलने २०१७ में पूरी व्यूह रचना कर ली थी। पहले […]