सम्पादकीय

प्रकृतिपर भारी जनसंख्या विस्फोट

ऋतुपर्ण दवे    बाढ़की सर्वाधिक मार झेल रहे बिहारपर तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडि़त जवाहरलाल नेहरूने १९५३ में कहा था कि १५ वर्षोंमें इसपर काबू पा लिया जायगा। लेकिन ६८ वर्ष हो रहे हैं न तो बाढ़से होनेवाली तबाही ही थमीं और न ही देशमें इसका बढ़ता दायरा रुका। उल्टा उत्तराखण्ड, असम, जम्मू-कश्मीर, चेन्नई या देशके दूसरे […]

सम्पादकीय

तीसरे मोरचेको लेकर सुगबुगाहट तेज

आनन्द शुक्ल देशमें २०२४ में लोकसभाके चुनावके मद्देनजर तीसरे मोर्चेके गठनको लेकर विपक्षी दलोंमें सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवारके दिल्ली आवासपर हालमें हुई, विपक्षी दलोंके नेताओंकी बैठकको इसी दिशामें बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि इस बैठकका मकसद मौजूदा राजनीतिक हालात और देशकी जर्जर अर्थव्यवस्थापर चर्चा […]

सम्पादकीय

जीवनका निर्माण

श्रीराम शर्मा  संसार एक शीशा है। इसपर हमारे विचारोंकी जैसी छाया पड़ेगी, वैसा ही प्रतिबिंब दिखेगा। विचारोंके आधारपर ही संसार सुखमय अथवा दुखमय अनुभव होता है। उत्कृष्ट उत्तम विचार जीवनको ऊपर उठाते हैं। मनुष्यका जीवन उसके विचारोंका प्रतिबिंब है। सफलता-असफलता, उन्नति, अवनति, तुच्छता, महानता, सुख-दु:ख, शांति-अशांति आदि सभी पहलू मनुष्यके विचारोंपर निर्भर है। किसी भी […]

सम्पादकीय

कोरोना मृत्युपर मुआवजा

कोरोना मृतकोंके परिवारोंको मुआवजा देनेके सम्बन्धमें सर्वोच्च न्यायालयने बुधवारको उनके पक्षमें महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि यह मुआवजा परिजनोंको मिलना ही चाहिए। शीर्ष न्यायालयने यह नहीं कहा है कि मुआवजेकी राशि कितनी होगी। इसकी जिम्मेदारी सरकारपर छोड़ दी गयी है। न्यायमूर्ति अशोक भूषणकी अध्यक्षतावाली तीन न्यायाधीशोंकी पीठने राष्टï्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को […]

सम्पादकीय

 नेपालमें गहराता राजनीतिक संकट

विजयनारायण  नेपालमें लोकतंत्र और राजनीतिके बिखरावका संकट आज और भी गम्भीर हो गया है। कल क्या होगा कहा नहीं जा सकता। नेपालका हर सजग और सचेत नागरिक इस स्थितिसे बेचैनी महसूस कर रहा है। मीडिया लोकतन्त्रको बचानेका अभियान चला रहा है किन्तु सरकार है कि न सुधरनेका नाम ले रही है और न राजनीतिक दलोंमें […]

सम्पादकीय

जम्मू-कश्मीरमें आतंकका नया रूप

डा. दीपकुमार शुक्ल     जम्मूके एयरफोर्स स्टेशनपर ड्रोन द्वारा हुए हमलेसे आतंकवादका एक नया रूप सामने आया है। उसके अगले दिन सेनाके कैम्पपर भी ड्रोनसे हमला करनेकी नाकाम कोशिश हुई। आगे भी ऐसे ही हमलोंकी आशंका व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञोंके अनुसार इन वारदातोंको सीमा पारसे नहीं, बल्कि घटनास्थलके आसपाससे ही अंजाम दिया गया है। […]

सम्पादकीय

सार्वभौमीकरणसे शिक्षाकी गुणवत्तामें सुधार

जोगिन्दर सिंह किसी देशको अपना भविष्य उज्ज्वल बनानेके लिए उसके बचपनकी देखभाल, पालन-पोषण और संभाल करनी आवश्यक है। जीवनके पहले आठ सालमें और खासकर बाल्यावस्थाके पहले तीन सालके दौरान बच्चेका ठीक पालन-पोषण और देखभाल करना बहुत जरूरी है। इसका असर बच्चेके पूरे जीवनपर पड़ता है। शुरुआती सालोंमें देखभाल और बच्चोंका सही पालन-पोषण उनके फलने-फूलनेमें मदद […]

सम्पादकीय

सुख-समृद्धि

अनूप शास्त्रोंके अनुसार भगवान विष्णुकी पूजा बिना तुलसी पत्तेके अधूरी मानी जाती है। तुलसीकी सेवाभाव करनेसे घरमें सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिंदू धर्ममें तुलसीका पौधा पवित्र, पूजनीय और लाभकारी माना गया है। आयुर्वेदमें भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। हिंदू धर्ममें मान्यता है कि तुलसीके पत्तोंको गंगाजलके साथ मृत व्यक्तिके मुंहमें रखनेसे स्वर्गकी प्राप्ति होती […]

सम्पादकीय

प्रवासी श्रमिकोंकी सुधि

सर्वोच्च न्यायालयने मंगलवारको प्रवासी मजदूरोंके हितमें बड़ा आदेश देते हुए राज्योंको निर्देश दिया है कि ३१ जुलाईतक ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजनाको लागू करें। साथ ही केन्द्र सरकारको भी निर्देश दिया है कि वह राज्योंको अतिरिक्त अनाज आवण्टित करे। सभी राज्योंको प्रवासियोंको सूखा राशन वितरणकी योजना लानेके साथ ही इन श्रमिकोंके लिए सामुदायिक रसोईकी […]

सम्पादकीय

सुनिश्चित हो कृषि उपजका विपणन

डा. जयंतीलाल भंडारी   हालमें जारी चालू फसल वर्ष २०२०-२१ के लिए मुख्य फसलोंके तीसरे अग्रिम अनुमानके मुताबिक कोरोनाकी आपदाके बावजूद देशमें खाद्यान्नकी कुल पैदावार रिकार्ड स्तरपर पहुंचते हुए ३०.५४ करोड़ टन अनुमानित है। यह खाद्यान्न पैदावार पिछले वर्षकी कुल पैदावार २९.७५ करोड़ टनके मुकाबले ७९.४ लाख टन अधिक है। पिछले वर्ष २०२० में भी कोरोनाकी […]