सम्पादकीय

जहरीली शराबका जानलेवा धंधा

अरविंद जयतिलक कोरोना महसंकटके बीच उत्तर प्रदेश राज्यके अलीगढ़ जिलेमें जहरीली शराबसे दो दर्जनसे अधिक लोगोंकी मौत रेखांकित करनेके लिए पर्याप्त है कि राज्यमें अवैध शराब निर्माणका धंधा जोरोंपर है। यह ठीक है कि जिला प्रशासनने तत्परता दिखाते हुए दोषियोंके खिलाफ काररवाई और धरपकड़ शुरू कर दी है और कई लोगोंको निलंबित किया गया है। […]

सम्पादकीय

उपासना 

दीपचन्द परमपिता परमात्माका साक्षात्कार करनेकी विधिका नाम उपासना है। शांत चितसे ईश्वरका ध्यान करते हुए उसकी समीपताका अनुभव करना, अपनी आत्माको आनंद स्वरूप परमेश्वरमें मगन करना उपासना कहा गया है। हमारे ग्रंथोंमें इसे भक्ति भी कहा गया है। जिस विधिसे चित्तकी वृत्तियोंका निरोध करके परमेश्वरके चिंतनमें स्वयंको लगाया जाता है, वही भक्ति है। नारद पुराणमें […]

सम्पादकीय

अनाथ बच्चोंकी सुधि

देशमें ऐसे बच्चोंकी बड़ी संख्या है, जो कोरोना महामारीके दंशसे अनाथ हो गये हैं। ऐसे बच्चोंके माता या पिता अथवा दोनोंकी कोरोनासे मृत्यु हो गयी है। इनकी देखभाल और परवरिश करनेके लिए परिवारमें कोई नहीं बचा है। भूखे-प्यासे इन बच्चोंका कोई पुरसाहाल नहीं है। इस सन्दर्भमें सर्वोच्च न्यायालयने अनाथ बच्चोंकी सुधि लेते हुए केन्द्र और […]

सम्पादकीय

डा. भरत झुनझुनवाला

अर्थव्यवस्थाको क्षति पहुंचायेगा ऋण   यदि उद्यमी ऋण लेकर उद्योग स्थापित करता है, अधिक लाभ कमाता है और उस अतिरिक्त लाभसे ऋणका भुगतान करता है। ऐसेमें ऋणका सदुपयोग उत्पादक कार्योंके लिए होता है। लेकिन यदि ऋणका उपयोग घाटेकी भरपाईके लिए किया जाय तो उसका प्रभाव बिलकुल अलग होता है। खपतके लिए उपयोग किये गये ऋणसे अतरिक्त […]

सम्पादकीय

अनेक रूपमें अस्तित्व अखण्ड

हृदयनारायण दीक्षित संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझनेके लिए प्रकृति प्रदत्त पांच इन्द्रियां हैं। आंखसे देखते हैं, कानोंसे सुनते हैं। त्वचासे स्पर्श, जीभसे स्वाद और नाकसे सूंघते हैं। संक्षेपमें रूप, रस गंध, ध्वनि और स्वाद ही संसार समझनेके उपकरण हैं। मनको इङ्क्षन्द्रयोंका स्वामी बताया गया है। दृश्यपर मन न लगे तो देखना व्यर्थ हो जाता है। […]

सम्पादकीय

जिलेको सशक्त बनानेवाले कलेक्टर

आनंद शुक्ल देशमें हालके दिनोंमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियोंने खूब सुर्खियां बटोरी। यह दोनों अधिकारी अपनी किसी खास उपलब्धिकी वजहसे नहीं, बल्कि गलत आचरणके चलते चर्चामें रहे। पिछले दिनोंको छत्तीसगढ़के सूरजपुरके जिला कलेक्टर रणवीर शर्माने लॉकडाउनके दौरान बाहर घूम रहे युवक अमन मित्तलको थप्पड़ मारकर उसका मोबाइल फोन जमीनपर पटक दिया। घटनाका […]

सम्पादकीय

उत्साह और ऊर्जा 

श्रीश्री रवि शंकर हर व्यक्ति जन्मसे अनूठा है, सभीमें कुछ विशेष ऐसा है जो हमें औरोंसे अलग करता है। यही विशेषताएं तय करती हैं कि हम कौन है और किस परिस्थितिमें किस तरह व्यवहार करेंगे। ज्यादातर समय हम अपनी उन विशेषताओंके प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, जो हमें नुकसान पहुंचाती हैं और फिर स्वयंको […]

सम्पादकीय

स्थितिमें तेजीसे सुधार

कोरोनाके खिलाफ जंगमें कुछ सुखद और राहतकारी संकेत सामने आये हैं। यदि इसका क्रम इसी तरह बना रहा तो कोरोनाको परास्त करनेमें सफलताका मार्ग तेजीसे प्रशस्त हो सकता है, बशर्ते जनता भी किसी प्रकारकी कोई लापरवाही नहीं करे। संक्रमणके नये मामले लगातार कम हो रहे हैं और ठीक होनेवालोंकी संख्या भी तेजीसे बढ़ रही है। […]

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विश्व शांतिमें रक्षकोंकी भूमिका

योगेश कुमार गोयल  संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्रपर ५० देशोंके हस्ताक्षर होनेके साथ ही संयुक्त राष्ट्रकी स्थापना हुई थी, जो एक ऐसा अंतराष्ट्रीय संघटन है, जो अपनी स्थापनाके बादसे ही विश्व शांतिके साथ मानवाधिकार, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनोंको सुविधाजनक बनानेके लिए कार्यरत है। इसकी स्थापना द्वितीय विश्वयुद्धके विजेता देशोंने मिलकर इस […]

सम्पादकीय

स्वास्थ्य अधोसंरचनाका प्रबंधन

बंडारू दत्तात्रेय  देशके लिए यह संकट काल है, युद्ध काल है। अब जो प्रश्न हमारे सामने सबसे ऊपर है, वह है कि कैसे हम पूर्ण रूपसे इस वैश्विक महामारीसे निबट पायंगे। हम अपने रोजमर्राके जीवन व्यवस्थाको कैसे पटरीपर ला सकते हैं, क्योंकि यदि यह स्थिति और लंबे समयतक चली तो अर्थव्यवस्था, बेराजगारी, शिक्षासे लेकर विकासका […]