डा. जितेन्द्र सिंह गोयल कोरोना महामारीकी दूसरी लहरके कारण देश और राज्योंमें दसवीं कक्षा और कई अन्य परीक्षाओंको रद होते ही शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक अब यह महसूस करने लगे हैं कि वास्तवमें अब यह परीक्षाएं नहीं हो भी पायंगी। लेकिन बिना परीक्षा पास किये उत्तीर्ण विद्यार्थी भविष्यमें अपरिहार्य प्रतियोगी परीक्षाएं और भविष्यमें आनेवाली चुनौतियोंका […]
सम्पादकीय
दानका महत्व
रजनी अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान- यह सारे दान इंसानको पुण्यका भागी बनाते हैं। किसी भी वस्तुका दान करनेसे मनको सांसारिक आसक्ति यानी मोहसे छुटकारा मिलता है। हर तरहके लगाव और भावको छोडऩेकी शुरुआत दान और क्षमासे ही होती है। श्रीरामचरितमानसमें गोस्वामी तुलसीदासने कहा है कि परहितके समान कोई धर्म नहीं है और दूसरोंको […]
टीकोंकी बर्बादी
कोरोना महामारीके खिलाफ जंगमें टीकाकरणको मजबूत हथियारके रूपमें इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके लिए विश्वका सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलानेका श्रेय भारतको जाता है। इस सन्दर्भमें भारतने अमेरिका और चीनको पीछे छोड़कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है लेकिन देशकी बड़ी आबादीको देखते हुए टीकाकरणके अभियानमें कुछ बाधाएं और चुनौतियां भी सामने आयी हैं। […]
देशका दूरगामी हित स्थायी
अवधेश कुमार परिस्थितियां चाहे जितनी विकट हो निर्णय हमेशा वर्तमानके साथ भविष्यका ध्यान रखते हुए लिया जाना चाहिए। घनघोर संकटों और विकट परिस्थितियोंमें आम आदमी अपना धैर्य खो देते हैं और दबावोंमें देश ऐसे फैसले करता है जो वर्तमानके साथ भविष्यमें भी उनके लिए दूसरे संकट और बड़ी चुनौतियोंका कारण बनता है। इस समय प्रधान […]
असंघटित मजदूरोंका संकट
डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कोरोनाकी दूसरी लहरके पीकके समाचारोंके बीच यह सुखद खबर है कि दो करोड़से ज्यादाने जंग जीती है तो करीब पौने तीन लाखने दम भी तोड़ा है परन्तु आज आवश्यकता मौतके आंकड़ोंके स्थानपर ठीक होनेवालोंके समाचारोंकी है, ताकि सकारात्मक माहौल बन सके। क्योंकि कोरोना महामारीकी भयावहताको हम नकार नहीं सकते। परन्तु लोगोंको […]
संक्रमणसे बचावके लिए टीकाकरण आवश्यक
आनन्द शंकर मिश्र कई देश कोरोना महामारीकी दूसरी या तीसरी लहरसे गुजर चुके है। भारतमें महामारी जनवरीमें कमजोर पड़ चुकी थी परन्तु मार्चमें दूसरी लहरके आसार बनने लगे। महामारीकी दूसरी लहरने सुनामीका रूप ले लिया। २१ अप्रैलसे दैनिक संक्रमणका आकड़ा तीन लाखसे अधिक होने लगा एवं कुछ दिनोंके लिए चार लाख पारकर गया था। आकड़ोंके […]
हृदयकी वीणा
ओशो विचारकी वीणाके तार इतने खिंचे हुए हैं कि उनसे संगीत पैदा नहीं होता और मनुष्य विक्षिप्त हो गया है। यह विचारकी वीणाके तार थोड़े शिथिल करने अत्यंत जरूरी हो गये हैं, ताकि वह समस्थितिमें आ सकें और संगीत उत्पन्न हो सके। विचारका केंद्र मस्तिष्क है और भावका केंद्र हृदय है और संकल्पका केंद्र नाभि […]
ताउतेका ताण्डव
चक्रवाती तूफान ताउतेके ताण्डवसे गुजरात, गोवा, केरल, महाराष्टï्र सहित कई राज्योंमें काफी तबाही हुई है। समुद्रमें इसका रौद्र रूप देखनेको मिला। सोमवार शामसे ही समुद्रमें कई बजड़े और जहाज फंस गये। इनपर सवार अनेक लोगोंको भारतीय नौसेनाने अपने आपरेशनमें बचा लिया। प्रतिकूल चुनौतियोंके बीच नौसेनाका यह आपरेशन अत्यन्त ही सराहनीय है। अपनी जानको जोखिममें डालकर […]
चीनी महासाजिशका शिकार विश्व
सुरेश गांधी चीनमें बनी कोरोनारूपी जैविक हथियारके इस्तेमालकी आशंका २०१९ में ही उस वक्त होने लगी थी जब ट्रम्प अमेरिका और शी जिनपिंगमें ठनी हुई थी। ऐसा लग रहा था कि कहीं दोनों देशोंके बीच जंग न हो जाय। उसी दौरान गलवानमें सीमा विवादको लेकर भारत और चीनके बीच तनाव जैसे हालात थे। जिस तरह […]
कोरोना बनेगा मानवताकी जिजिविषा
आर.के. सिन्हा कोरोना वायरसकी दूसरी लहरने भारतको घुटनेपर आनेपर मजबूर कर दिया है। ऐसी घटनाओंको लोग भूल जाना चाहते हैं और बहुत जल्दी भूल भी जाते हैं। यदि बात गुजरे सौ-सवा सालोंकी करें तो स्पेनिश फ्लूके कारण भी भारतमें बहुत भारी तबाही मची थी। करोड़ों लोग मारे गये थे। गांवके गांव साफ हो गये थे। […]