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Chandigarh : किसान आंदोलन का मुखर विरोध करने वाले अपने नेताओं से भाजपा बना रही दूरी


चंडीगढ़, : चंडीगढ़ भरतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगभग अपने पूरे संगठन का गठन कर दिया है। पार्टी ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों का मुखर विरोध करने वाले अपने नेताओं को किनारे कर दिया है। आंदोलन के दौरान किसानों के प्रति आक्रामक बयान देने वाले नेता इन दिनों संगठन में हाशिये पर आ गए है। हालांकि पार्टी ने हरजीत ग्रेवाल को चुनाव कमेटी में जरूर रखा है और लेकिन इस कमेटी का काम तब ही है जब राज्य में चुनाव हो।

पार्टी भविष्य में किसानों से नहीं चाहती टकराव

वहीं, पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी को संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार पार्टी इसलिए भी ऐसे नेताओं को सामने नहीं लाना चाहती है ताकि भविष्य में किसानों के साथ कोई टकराव की स्थिति न बने। भले ही तीन कृषि कानून वापस हो चुके हो और पंजाब के किसानों में भाजपा के प्रति वह नाराजगी न हो इसके बावजूद भाजपा किसी भी सूरत में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है, क्योंकि किसानों में अभी भी भाजपा के प्रति नाराजगी दूर नहीं है और गाहे-बगाहे विपक्षी पार्टी किसान आंदोलन को लेकर भाजपा पर राजनीतिक वार करती रहती है।

दूसरी पार्टी से आए नेताओं से संबंध बनाने की जारी है कोशिश

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि निश्चित रूप से पार्टी ऐसे नेताओं को पीछे रखना चाहती है। ताकि आने वाले चुनावों में कोई असहज भूमिका न पैदा हो। पहले ही दूसरी पार्टी से आए नेताओं के साथ संतुलन बनाने में मशक्कत हो रही है।

पार्टी से कोई शिकवा नहीं

हरजीत ग्रेवाल हरजीत ग्रेवाल का कहना है, लीडर कोई पार्टी या संगठन नहीं बनता है। लीडर तो खुद ही धक्के खाकर बनना पड़ता है। वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य है और चुनाव कमेटी के सदस्य। उन्हें पार्टी से कोई शिकवा नहीं है। वह पीएम मोदी के साथ है।

ज्याणी ने कहा, नई टीम का सहयोग करेंगे वहीं, सुरजीत ज्याणी का कहना है, हम नई टीम को सहयोग करेंगे। पार्टी ने बहुत कुछ दिया। मंत्री बनाया। भाजपा में वर्कर होता है, लीडर नहीं। बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान सुरजीत ज्याणी पार्टी और किसानों के बीच संवाद कायम करने की भूमिका अदा कर रहे थे।