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Delhi: ‘पहले के LG सिर्फ नए काम नहीं करने देते थे, इन्होंने सबकुछ रोक दिया’, विधानसभा में भड़के CM केजरीवाल


, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई। विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद एलजी सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र चर्चा शुरू हुई। आप विधायक संजीव झा ने इस संबंध में निंदा प्रस्ताव रखा, जिसे पास कर दिया गया। वहीं, दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में अपनी प्रतिक्रिया दी।

 

उन्होंने कहा कि जिन मार्शलों को बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, वो आज भाजपा की गंदी राजनीति के चलते सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। उन्होंने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को आ रही दिक्कतों को लेकर विधानसभा को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि परिवहन आयुक्त हमेशा लिखते रहे कि बस मार्शल दें, मगर बाद में कहने लगे कि बस मार्शल की जरूरत नहीं है क्योंकि बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मैं एलजी को फोन किया कि वे सिविल डिफेंस को न हटाएं। हमने कहा कि जब तक कोई समाधान न मिले इन्हें रहने दें। यह भी कहा कि इन्हें ही होमगार्ड बना दीजिए, मगर नहीं माने। इसके बाद भाजपा वाले इनके धरने जा रहे हैं और मगरमच्छ के आसूं बहा रहे हैं। मैं कहता हूं कि भाजपा वाले चलें एलजी के पास मैं भी चलूंगा।

चिट्ठी की भाषा बहुत गंदी: केजरीवाल

उन्होंने कहा कि कल एलजी साहब ने मुझे पत्र लिखा है उसमें पत्र की भाषा बहुुत गंदी है। मुझे उन्होंने क्या-क्या नहीं लिखा है। सभी कुछ लिख दिया है। हम बताना चाहते हैं हम तीन बार चुनाव जीते हैं कुछ कर ही रहे हैं, तभी चुनाव जीते हैं। मैं कहता हूं कि हमें अपनी मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।

एलजी पर लगाए गए सीएम केजरीवाल के आरोप

– जब से सक्सेना जी एलजी बने हैं, इन्होंने सभी काम रोक दिए हैं। पहले के एलजी नए काम नहीं करने दे रहे थे, लेकिन पुराने काम नहीं रोक रहे थे, मगर इन्होंने सभी काम रोक दिए हैं।

– अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक मोहल्ला क्लीनिक में दवाएं और जांचें बंद कर दी गईं। 1993 में जीएनसीटीडी के गठन के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में दवाओं और ​​​​परीक्षणों को रोकना पहली बार हुआ है।

– सितंबर 2023 से फरवरी 2024 तक अस्पतालों में ओपीडी काउंटरों पर कोई स्टाफ नहीं था। मेरी बगैर जानकारी में सभी डेटा एंट्री आपरेटरों को बर्खास्त कर दिया गया।

– पिछले सात महीनों से दिल्ली जल बोर्ड को फंड जारी नहीं किया गया है। वित्त विभाग दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों को भी मानने से इनकार कर रहा है, जिसने उन्हें फंड जारी करने का निर्देश दिया है।

– डीटीसी पेंशनभोगियों को मई से दिसंबर 2023 तक पेंशन नहीं मिली क्योंकि वित्त विभाग ने इसके लिए धनराशि रोक ली थी। निर्वाचित सरकार के साथ सहयोग करने पर उन्हें एलजी द्वारा सतर्कता जांच, अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन, सीबीआई जांच और ईडी की गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है।

बिधूड़ी ने कहा- सभी सदस्य माफी मांगे

इससे पहले सदन में एलजी की चिट्ठी पर चर्चा हुई। आप विधायक मदन लाल ने कहा कि एलजी साहब ने पानी के बढ़े हुए बिलों से राहत देने के लिए वनटाइम सेटलमेंट योजना को रोके जाने के आरोप पर जो पत्र मुख्यमंत्री को लिखा है और उसमें जो मुद्दे उठाए गए हैं, वे उचित नहीं है। पत्र की भाषा आपत्तिजनक है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इस सदन में जो भी सदस्य एलजी साहब पर आरोप लगा रहे हैं वे उनसे माफी मांगें। पत्र में कुछ भी गलत नहीं लिखा गया है। पानी के बिलों पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।

वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पानी के बढ़े हुए बिलों को राहत देने के लिए सरकार काम कर रही थी। मगर वनटाइम सेटलमेंट योजना को भाजपा के इशारे पर रोक दिया गया। मगर इसी बीच बुधवार को एलजी ने सीएम को पत्र लिखा है। एलजी ने एक नेता की तरह पत्र लिखा है और भाषा आपत्तिजनक है।

‘एलजी को दिल्ली की जानकारी नहीं’

उन्होंने कहा कि एलजी साहब को दिल्ली के बारे में जानकारी नहीं हैं। वह कह रहे हैं कि कुछ कॉलोनियों में पानी क्यों नहीं पहुंचा है? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कुछ कॉलोनियां वन विभाग की जमीन पर हैं, कुछ एएसआई की जमीन पर है। उनकी एनओसी नहीं मिल रही है, इसलिए पानी नहीं मिल पाया है। एलजी साहेब एनओसी दिला दें तो वहां पानी पहुंच जाएगा।

‘फरिश्ते स्कीम को रोकने से गई कई जानें’

भारद्वाज ने कहा कि मैं 2013 से राजनीति में हूं। पहले भी एलजी ने सरकार के काम रोके हैं। मगर ये पहले ऐसे एलजी हैं जिन्होंने अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां रुकवा दीं। फरिश्ते योजना रुकवा दी है। इस स्कीम से लोगों की जान बच रही थी, मगर इसे रुकवा दिया गया। कई लोगों की जान भी चली गई होगी, योजना होती तो शायद वे बच सकते थे।

निंदा प्रस्ताव पास

उन्होंने कहा कि अगर एलजी साहब यह सोच रहे हैं कि दिल्ली सरकार के काम रोक कर और दिल्ली सरकार की छवि खराब कर भाजपा को ऊपर पहुंचा देंगे तो ये होने वाला नहीं है। एलजी ने जो पत्र लिखा है वह अनुचित है। वहीं विधायक संजीव झा द्वारा एलजी के पत्र की भाषा के विरोध में रखे गए निंदा प्रस्ताव को सदन में सत्तापक्ष की सहमति पर पास किया गया।