नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम/सोनीपत । बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली-NCR में रहने वाले करोड़ों लोग सांसों के संकट से जूझ रहे हैं। दिल्ली से बुरा हाल तो गुरुग्राम और नोएडा का है, जहां पर बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं, वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों/डाक्टरों ने लोगों से घर से नहीं निकलने की सलाह दी है।
इंडोर प्लांट से ऑक्सीजन
बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण घरों के अंदर भी लोगों को दूषित हवा से बचने की जरूरत महसूस हो रही है। जानकारों की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में घर के अंदर की हवा को शुद्ध करने का सबसे आसान तरीका है इंडोर पौधे।
गमलों में भी लगा सकते हैं पौधे
इन पौधों को लगाने से ना केवल घर के अंदर की हवा शुद्ध होगी, बल्कि आस-पास नियमित रूप से ऑक्सीजन की मात्रा भी बनी रहेगी। जिसकी दिल्ली-एनसीआर के लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत है। इन पौधों को लोग अपने घर पर गमलों में भी लगा सकते हैं।
1. एरेका पाम
एरेका पाम का पौधा वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को लेकर ऑक्सीजन फैलाने का काम करता है। इतना ही नहीं, यह पौधा प्रदूषित धुंध में मौजूद खतरनाक फॉर्मेल्डिहाइड और टोलुइन से बचाव में प्रभावकारी होता है। इस पौधे की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसे कम रोशनी और बहुत कम पानी में भी उगाया जा सकता है।
2. स्नेक प्लांट
स्नेक प्लांट या स्नेक पौधे को इंटीरियर डिजाइनर मुख्य रूप से पसंद करते है। इस पौधे की सबसे खास बात यह है कि यह पौधा ना सिर्फ दिन के समय में बल्कि रात के समय में भी ऑक्सीजन का उत्पादन करता है।
3. मनी प्लांट
घरों के गमले लगने वाला मनी प्लांट से तो आप अवगत ही होंगे। ये वो पौधा है जो कम समय बहुत तेजी से ग्रोथ करता है। इस पौधे की एक और खासियत है। यह पौधा कम रोशनी में भी भरपूर ऑक्सीजन तैयार करने की ताकत रखता है।
4. गरबेरा डेजी
गरबेरा डेजी वो पौधा है जो ऑक्सीजन फैलाने के साथ-साथ घर की खूबसूरती में चार चांद भी लगाता है। इस पौधे को कई लोग सजावट के लिए भी प्रयोग करते हैं। इस पौधे को घरों में ऐसी जगह रखने की जरूरत है जहां डायरेक्ट सन लाइट प्राप्त हो सके। इसके अलावा गरबेरा डेजी को नियमित रूप से पानी देने की भी जरूरत होती है।
5. स्पाइडर प्लांट
स्पाइडर प्लांट को रिबन प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे की खास बात इसकी लंबाई है। इसकी ऊंचाई करीब 60 सेंटीमीटर तक होती है। एक और खास बात यह इस पौधे की ठंड सहने की क्षमता भी है। यह पौधा 2 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड को भी आसानी से सकता है। यह पौधा कम पानी में ऑक्सीजन देने के लिए जाना जाता है।
बता दें कि बृहस्पतिवार सुबह से ही लोगों ने आंखों में जलन, गले में ख़राश के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है। इन दिक्कतों का कारण वायु प्रदूषण ही बताया जा रहा है।