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Gujarat Riots: तीस्‍ता सीतलवाड़ के पूर्व सहयोगी ने खोली पोल- अहमद पटेल ने गुजरात दंगों पर काम करने के लिए दी थी बड़ी रकम


नई दिल्‍ली, गुजरात दंगे का ठीकरा राज्य सरकार के सिर फोड़ने की साजिश रचने वालों की जांच कर रही एसआइटी के शपथपत्र के बाद भाजपा ने सीधे सोनिया गांधी को कठघरे में खड़ा किया है। कोर्ट में जमा एसआइटी के शपथपत्र में कहा गया है कि कांग्रेस के पूर्व नेता अहमद पटेल के इशारे पर तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने मिलकर राजनीतिक मंशा के तहत षड्यंत्र रचा था। इस मामले में अब एक नया मोड़ और आ गया है। तीस्‍ता सीतलवाड़ के एक पूर्व सहयोगी ने गुजरात दंगों को लेकर अहमद पटेल की ओर से सामाजिक कार्यकर्ता (Teesta Setalvad) को भारी भरकम रकम दिए जाने का खुलासा किया है।

अहमद पटेल ने तीस्‍ता को सौंपी थी जिम्‍मेदारी

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक तीस्ता सीतलवाड़ के पूर्व सहयोगी रईस खान पठान ने कहा कि साल 2002 के गुजरात दंगों के बाद जब अहमद पटेल ने पहली बार तीस्ता सीतलवाड़ को सर्किट हाउस में मिलने के लिए बुलाया तो मैं भी उनके साथ गया था। मेरे सामने की घटना है… अहमद पटेल ने तीस्ता से कहा था कि हम बाबरी मस्जिद दंगों में आपकी भूमिका से परिचित हैं। लेकिन वह बात अलग थी गुजरात में हुई घटना अलग है। तब हम सत्‍ता में थे लेकिन अब नहीं हैं। हम चाहते हैं कि आप (Teesta Setalvad) गुजरात दंगों पर काम करें।

तीस्‍ता को दिए गए थे 30 लाख रुपये

रईस खान पठान ने आगे बताया कि तीस्‍ता ने अहमद पटेल से कहा था कि उनके पास इस काम को पूरा करने के लिए पर्याप्‍त धन नहीं है। इस पर पटेल ने तीस्‍ता को अपनी पार्टी और देश-विदेश की एजेंसियों से फंड मिलने का भरोसा दिया था। शुरू में तीस्ता को 5 लाख रुपये की राशि दी गई। बाद में 25 लाख रुपये की राशि तीस्ता को सौंपी। रईस खान पठान ने कहा कि अब इस मामले में एसआइटी जांच कर रही है। जांच का जो भी निष्‍कर्ष निकले लेकिन मौजूदा वक्‍त में चर्चा 30 लाख रुपए देने को लेकर हो रही है।

सोनिया के सलाहकार थे पटेल

भाजपा का कहना है कि उस वक्त अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे। अहमद सोनिया के इशारे पर काम कर रहे थे। तीस्ता भी सोनिया की मोहरा थीं। लिहाजा अब सोनिया को ही सामने आकर बताना होगा कि उन्होंने गुजरात और नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र क्यों रचा था।

कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री को पूरी तरह बरी करते हुए कहा था कि राजनीतिक मंशा के तहत कुछ लोगों ने इसे सुलगाए रखा। कोर्ट ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की भी बात कही थी। कोर्ट ने एक्टविस्ट तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और आइपीएस संजीव भट्ट का नाम भी लिया था। लेकिन एसआइटी की जांच में चौंकाने वाली बात यह समाने आई कि ये सभी कांग्रेस के पूर्व नेता अहमद पटेल के इशारे पर काम कर रहे थे।