मंडी। हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में कांग्रेस पार्टी की सरकार होने के बावजूद पार्टी का कोई भी दिग्गज मंडी संसदीय क्षेत्र (Mandi parliamentary constituency) से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। वर्तमान सांसद प्रतिभा सिंह ने पार्टी नेतृत्व से चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने उनकी हां में हां नहीं मिलाई है।
नामांकन को अभी 50 दिन से अधिक का समय होने की बात कह टिकट पर चर्चा फिलहाल आने वाले कुछ दिनों के लिए टाल दी है। प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा गया है। इससे मंगलवार को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मंडी संसदीय क्षेत्र ( Lok Sabha Election 2024) से पार्टी प्रत्याशी को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
मैंने पार्टी नेतृत्व से लोकसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई है। मुझ से तीन चार नेताओं के नाम मांगे गए थे। वह पार्टी नेतृत्व को सौंप दिए हैं। टिकट पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि नामांकन के लिए समय अधिक है। ऐसे में टिकट पर बाद में चर्चा होगी।
प्रतिभा सिंह, सांसद मंडी संसदीय क्षेत्र
प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने 2021 में विपरीत हालात में उपचुनाव लड़ भाजपा को पटखनी देकर जीत हासिल की थी। अब चुनाव से कन्नी काटने की बात कर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को दुविधा में डाल दिया है। यह संसदीय क्षेत्र प्रतिभा सिंह व उनके स्व. पति वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) की कर्मभूमि रही है। 1971 से 2021 तक दोनों ने नौ बार चुनाव लड़ा है।
वीरभद्र सिंह को एक व प्रतिभा सिंह को दो बार हार का सामना करना पड़ा था। पति-पत्नी दोनों ही तीन-तीन बार विजयी हुए हैं। प्रतिभा सिंह ने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताते हुए पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर (Kaul Singh Thakur) और विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा का नाम आगे बढ़ाया है। प्रतिभा सिंह इससे पहले भी कई चुनाव से किनारा कर चुकी हैं।
उन्होंने 1998 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। उनका समधी महेश्वर सिंह के साथ मुकाबला हुआ था। पहले ही चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा था। करीब एक साल बाद 1999 में देश में मध्यावधि चुनाव हो गए थे। प्रतिभा सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था । कांग्रेस नेतृत्व ने कौल सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया था।
उनकी करारी हार हुई थी। 2004 के चुनाव प्रतिभा सिंह फिर मैदान में उतरी थी। 2014 के चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने 2019 का चुनाव नहीं लड़ा था। प्रतिभा सिंह के इस कदम से अब ऐन मौके पर सशक्त चेहरा ढूंढना पहाड़ जैसी चुनौती बन गया है। हालांकि दूसरी पंक्ति के कई नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। पार्टी नेतृत्व उन पर कितना भरोसा जताता है यह देखने वाली बात है।
मैं लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा। पार्टी नेतृत्व काे यह बात पहले ही बता दी हैं। प्रतिभा सिंह सशक्त उम्मीदवार हैं। सवा दो साल से वह पूरे संसदीय क्षेत्र में सक्रिय है।
कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री