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India-Bangladesh: रोहिंग्या मुद्दे पर बांग्लादेश की भूमिका सराहनीय, भारत आगे भी करेगा मदद – विदेश सचिव


नई दिल्ली, । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं। आज प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर समझौता भी हुआ। वहीं, पीएम मोदी और पीएम शेख हसीना के बीच हुए द्विपक्षीय वार्ता के बारे में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने क्रॉस बॉर्डर इंटर कनेक्शन स्थापित करने पर चल रही चर्चा का स्वागत किया है।

कुशियारा नदी जल बंटवारे को लेकर हुआ बड़ा फैसला

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने PM मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच बैठक में उन्होंने क्रॉस बॉर्डर इंटर कनेक्शन स्थापित करने पर चल रही चर्चा का स्वागत किया है। जिससे भारत और बांग्लादेश दोनों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा दोनों नेताओं ने कुशियारा नदी के अंतरिम जल बंटवारे की व्यवस्था पर हस्ताक्षर का स्वागत किया है।

‘रोहिंग्या मुद्दे पर बांग्लादेश की भूमिका सराहनीय’

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बैठक के बारे में बताते हुए कहा कि हम रोहिंग्या मुद्दे से अवगत हैं। उन्हें शरण देने में बांग्लादेश की भूमिका की वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है। हमने वित्तीय सहायता भी प्रदान की है। भविष्य में जो भी सहायता की आवश्यकता होगी, भारत सरकार उसे देगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत म्यांमार को उनके प्रत्यावर्तन की दिशा में सभी प्रयासों का समर्थन करता है।

आतंकवाद, सीमा प्रबंधन समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने आगे कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद, सीमा प्रबंधन और सीमा पार अपराधों के क्षेत्र में हमारे घनिष्ठ सुरक्षा सहयोग को जारी रखने के महत्व को रेखांकित किया और बांग्लादेश में रेलवे इन्फ्रा परियोजनाओं के उन्नयन सहित हमारी विकास साझेदारी को और बढ़ाने पर सहमत व्यक्त की है।

भारत-बांग्लादेश के बीच इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

बता दें कि भारत-बांग्लादेश के बीच IT, अंतरिक्ष और न्यूक्लियर एनर्जी जैसे क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया गया है। इसके अलावा कुशियारा नदी से जल बंटवारे पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी 54 नदियां हैं, जो भारत-बांग्लादेश सीमा से गुजरती हैं और सदियों से दोनों देशों के लोगों की आजीविका से जुड़ी रही हैं। ये नदियां, इनके बारे में लोक-कहानियां, लोक-गीत, हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत के भी साक्षी रहे हैं।