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Indian Railway News: रेलवे पर भी पड़ा कोरोना लॉकडाउन का असर, – RTI


  • लोगों को स्टेशन आने से रोकने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट के दाम 10 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये और यहां तक कि कुछ निश्चित जोन में 50 रुपये करने का भी फैसला किया गया. रेलवे ने हालांकि दोहराया कि टिकटों के दाम में बढ़ोत्तरी अस्थायी है और ऐसा महामारी को रोकने के लिए किया गया है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन से जहां एक ओर आम आदमी की आमदनी पर असर पर पड़ा है तो वहीं रेलवे भी इससे अछूता नहीं रह पाया. कोरोना संकट के दौरान रेलववे स्टेशन पर लोगों की एंट्री बंद होने के कारण पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस बार प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री से राजस्व में करीब 94 प्रतिशत गिरावट आयी है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) से इस बारे में जानकारी मिली है.

2019-20 में प्लेटफॉर्म टिकट से हुई थी रिकॉर्ड कमाई
मध्य प्रदेश के चंद्र शेखर गौर ने रेलवे में इससे जुड़ी आरटीआई दायर की थी. इसके जवाब में में रेलवे ने बताया कि साल 2020-21 के फरवरी तक प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री से उसे 10 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. आरटीआई के जवाब में कहा गया कि साल 2019-20 में रेलवे को प्लेटफॉर्म टिकट से 160.87 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी जो पिछले पांच साल में सर्वाधिक थी.

पीएम की घोषणा से पहले ही रेलवे ने उठाए थे कदम
मार्च 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की थी. इस घोषणा से पहले ही रेलवे ने स्टेशनों पर भीड़ को कम करने के लिए कदम उठाया था. मंडल रेलवे प्रबंधकों को प्लेटफॉर्म टिकट की दर तय करने और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं, इस पर निर्णय लेने का अधिकार था. साल में अधिकतर समय कई रेलवे जोन में प्रवेश पूरी तरह से बंद रहा और सिर्फ टिकट वालों को ही ही स्टेशन में प्रवेश की अनुमति दी गयी.

कई स्टेशनों पर दाम बढ़ाकर 50 रुपये तक किया गया
इसके बाद लोगों को स्टेशन आने से रोकने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट के दाम 10 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये और यहां तक कि कुछ निश्चित जोन में 50 रुपये करने का भी फैसला किया गया. रेलवे ने हालांकि दोहराया कि टिकटों के दाम में बढ़ोत्तरी अस्थायी है और ऐसा महामारी को रोकने के लिए किया गया है.

दिल्ली आठ स्टेशनों पर शुरू होगी प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री
प्लेटफॉर्म टिकट से राजस्व करीब 131 करोड़ रुपये तक होता रहा है, हालांकि 2018-19 में 139.20 करोड़ रुपये का राजस्व आया था. 2019-20 में इसने 160 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ था लेकिन 2020-21 में इस वर्ष फरवरी तक यह गिरकर 10 करोड़ रुपये हो गया.