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Israel-Hamas War: क्यों फलस्तीन के लिए इजरायल से बार-बार लड़ रहा हमास


 नई दिल्ली।  इजरायल और हमास के बीच जंग अब भीषण होती जा रही है। हमास के हमले के बाद इजरायल जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पर लगातार ताबड़तोड़ रॉकेट अटैक कर रहा है। इजरायल ने गाजा पट्टी के कई इलाकों को लगभग तबाह कर दिया है। 

हमास के हमले में जहां इजरायल के 1200 से ज्यादा लोग मारे गए, वहीं हमास के भी 1500 से ज्यादा लड़ाकू ढेर हो चुके हैं।

हमास की इजरायल (Israel Hamas War) से लड़ाई कोई नई नहीं है, इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी। दिसंबर 1987 में हमास को शेख अहमद यासीन द्वारा फलस्तीनी विद्रोह के फैलने के बाद स्थापित किया गया, जिसे पहले इंतिफादा के नाम से जाना जाता है।

बता दें कि हमास की स्थापना भी काफी दिलचस्प कहानी है। दरअसल, अहमद यासीन ने बचपन में ही ठान लिया था कि वो इजरायल का खात्मा करेगा। यासीन जब बच्चा था तो गांव अल-जुरा पर इजरायल के कब्जे के बाद उसके घर पर बुलडोजर चला दिया गया था।

इसके बाद वो परिवार के साथ गाजा पट्टी तो आ गया, लेकिन उसने इजरायल को खत्म करने की कसम खा ली।

अगले साल ही हमास ने घोषणा की कि फलस्तीन को इजरायली कब्जे से मुक्त कराना हर मुसलमान का धार्मिक कर्तव्य है।

 

हमास ने इजरायल पर पहली बार हमला करते हुए दो सैनिकों को मार दिया था। जिसके बाद इजरायल ने यासीन को गिरफ्तार कर लिया था।

हालांकि, यासीन को 1997 में मोसाद के एजेंटों को छोड़ने के बदले में छुड़ा लिया गया था। इसके बाद से इजरायल और हमास में कई बार छिटपुट लड़ाई हो चुकी है, लेकिन इस बार ये बड़ी जंग में बदल गई है।

फलस्तीन के हिस्सों को इजरायल से मुक्त कराने के लिए ही हमास बार बार हमले करता है, जिसका नुकसान गाजा की जनता को होता है।

 

इजरायल के हमले में अब तक फलस्तीन के कई क्षेत्र तबाह हो चुके हैं। हर और धराशाई इमारतें दिख रही हैं। हमास के कई ठिकानों को इजरायल ने नष्ट कर दिया है। गाजा पट्टी पर हमले के बाद वहां बिजली-पानी जैसी सभी जरूरी सुविधाएं नष्ट हो चुकी हैं।

इजरायल के हमले के बाद अब फलस्तीन से लोग अपने घर छोड़कर जा रहे हैं। सभी लोगों को पहले ही इजरायल ने चेतावनी जारी की थी, जिसके बाद अब वो विस्थापितों की तरह रहें