रांची, । Jharkhand Education News आइआइएम रांची के निदेशक के रूप में प्रोफेसर डा शैलेंद्र सिंह के कार्यकाल में संस्था ने अपनी सफलता की ऊंचाई को छुआ है। आइआइएम की एनआइआरएफ रैंकिंग 2018 में 40 से सुधार कर 2020 में 20 वें स्थान पर है। आठ वर्षों बाद स्थाई परिसर का निर्माण कार्य शुरू हुआ और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। विकास कार्यों के संबंध में निदेशक ने बताया कि तीन केंद्रों की स्थापना की गई है। जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी नेतृत्व, नीति और शासन केंद्र, जनजातीय मामलों के लिए बिरसा मुंडा केंद्र और रेखी सेंटर आफ एक्सीलेंस फार द साइंस आफ हैप्पीनेस शामिल है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार के महात्मा गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप कार्यक्रम में भागीदारी के लिए भी इस संस्था का चयन किया गया है।
शुरू किए गए नए कोर्सेस
निदेशक ने बताया कि नए कार्यक्रमों में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स, दो वर्षीय एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स और अधिकारियों के लिए दो साल का एमबीए कोर्स को शुरू किया गया है। इसके अलावे एक इंटरनेशनल पीयर रिव्यू जर्नल आइआइएम रांची जर्नल आफ मैनेजमेंट स्टडीज थ्रू एमराल्ड पब्लिशिंग की भी शुरूआत की गई है। फैकल्टी में योग्यता व विविधता होने का लाभ यहां के छात्र छात्राओं को मिलता है और बेहतर प्लेसमेंट हो पाता है।