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PAK सेना ने कबूला- उसके अधिकारियों ने फऱार किया तालिबान का खतरनाक आतंकी


इस्लामाबादः पाकिस्तान की सेना का आंतकवाद को बढ़ावा देने का नया कारनामा सामने आया है । एक करफ पाकिस्‍तान सरकार फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (FATF) की ब्‍लैक लिस्‍ट से बचने के जुगाड़ लगा रही है तो दूसरी तरफ उसकी सेना आतंकियों को भगाने में लगी हुई है। पाकिस्‍तान आर्मी के ऑफिसर्स ने साल 2012 में मलाला युसूफजई को निशाना बनाने की साजिश रचने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (टीटीपी) के आतंकी को भागने में मदद की है । पाकिस्‍तान सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के चीफ मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के बयान में इस बात की आधिकारिक पुष्टि भी की है।

उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान के पिछले साल सेना की हिरासत में भागने के लिए जिम्मेदार ”खुफिया विभाग” के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 2017 में गिरफ्तार एहसान जनवरी, 2020 में तथा-कथित ”सेफ हाउस” से फरार हो गया। सेना के मीडिया विंग के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने बताया, ”यह बहुत गंभीर मामला था और विस्तृत जांच के बाद इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया गया।”

उन्होंने कहा, ”एहसान को फिर से पकड़ने की कोशिश जारी है, लेकिन फिलहाल हमें उसके ठिकाने का पता नहीं है।” प्रवक्ता ने घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और उन्हें क्या दंड दिया गया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी। बाबर ने कहा कि एहसान का कस्‍टडी से भागना एक गंभीर चिंता का विषय है जिसकी विस्‍तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ एक्‍शन लिया जा चुका है। उन्‍होंने यह कहा कि एहसान को गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं लेकिन अभी तक इस बात का पता नहीं लग सका है कि वो कहां पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अहसान इस समय तुर्की में है।