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Pariksha Pe Charcha: आलोचनाओं पर विरोधियों को कैसे जवाब देते हैं मोदी?


नई दिल्ली, । पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश-विदेश के लाखों छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 6ठे संस्करण का आयोजन हुआ। स्टेडियम में हजारों छात्रों के साथ उनके टीचर और अभिभावक भी साथ थे। वहीं, लाखों छात्र वर्चुअली तरीके से इससे जुड़े।

‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों ने परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव, दवाब के अलावा कई विषयों पर सवाल पूछे। मोदी सर ने भी इन सवालों के बखूबी जवाब दिए। एक छात्र ने पीएम से राजनीतिक सवाल भी पूछा, जिसका उन्होंने अपने अंदाज में जवाब दिया।

आलोचनाओं का जवाब कैसे देते हैं?

छात्र ने मोदी से सवाल किया कि वह विरोधी नेताओं की आलोचनाओं और आरोपों का जवाब कैसे देते हैं। इस सवाल पर मोदी ने कहा, “आलोचना समृद्ध लोकतंत्र की पूर्व शर्त है। लोकतंज्ञत्र के लिए आलोचना शुद्धि यज्ञ है। टोका-टोकी आलोचना नहीं होती, अभिभावक अपने बच्चों की भलाई के लिए टोका टोकी से बाहर निकलें।”

आजकल शॉर्टकट का जमाना

मोदी ने आगे कहा, “आदतन आलोचना करने वालों पर ध्यान मत दीजिए। हमें अपना फोकस कभी छोड़ना नहीं चाहिए। आलोचना करने के लिए पूरी मेहनत करनी होती है। तभी आलोचना संभव होती है। आजकल शॉर्टकट का जमाना है।”

आरोप और आलोचना के बीच अंतर

मोदी ने कहा कि आरोप और आलोचना के बीच अंतर है। हम आरोपों को आलोचना ना समझें। आलोचना हमें समृद्ध करती है। आरोप लगाने वालों को सीरियस ना ले, टाइम वेस्ट ना करें। आलोचना करने वालों को जरूर सुने, लेकिन आरोपों की परवाह मत करो। आलोचनाएं हमें बेहतर बनाती हैं और आरोप एक ऐसी चीज है जिस पर हमें जीवन में ध्यान भी नहीं देना चाहिए।

आलोचना करने वाला कौन, ये महत्वपूर्ण

मोदी ने आगे कहा कि कभी-कभी होता है कि आलोचना करने वाला कौन है ये महत्वपूर्ण होता है। जो अपना है वे कहता है, तो आप उसे सकारात्मक लेते हैं, लेकिन जो आपको पसंद नहीं है वे कहता है तो आपको गुस्सा आता है। आलोचना करने वाले आदतन करते रहते हैं तो उसे एक बक्से में डाल दीजिए, क्योंकि उनका इरादा कुछ और है।