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Presidential Election: यशवंत सिन्हा को नहीं, द्रौपदी मुर्मू को वोट देंगे जयंत सिन्हा


रांची। नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी यशवंत सिन्हा को विपक्षी दलों ने इस बार राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के साथ होगा। दोनों का झारखंड की राजनीति से गहरा संबंध जगजाहिर है। दोनों की उम्मीदवारी ने झारखंड को सुर्खियों में ला दिया है। दोनों के बीच लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है। भाजपा ने आदिवासी महिला को प्रत्याशी बनाकर राजनीति में शानदार बल्लेबाजी की है। कई विपक्षी दल अभी तक समझ नहीं पा रहे कि उन्हें करना क्या है।

यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा की हो रही चर्चा

लेकिन इन सबसे इतर झारखंड में एक और चर्चा परवान चढ़ रही है। जिस यशवंत सिन्हा को विपक्षी दलों ने मैदान में उतारा है, उनके ही पुत्र जयंत सिन्हा उन्हें वोट नहीं देंगे। वह अपने पिता के बदले भाजपा प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करेंगे। जयंत सिन्हा हजारीबाग से भाजपा के सांसद हैं। एक समय इसी क्षेत्र से उनके पिता यशवंत सिन्हा भी भाजपा के सांसद हुआ करते थे। यहीं से चुनकर जब लोकसभा गए तो केंद्र सरकार में विदेश व वित्त मंत्री भी बने थे। लेकिन बाद के दिनों में नरेंद्र मोदी और भाजपा से उनका मोह इस कदर भंग हुआ कि तृणमूल कांग्रेस में चले गए।

पुत्र जयंत सिन्हा को जारी करना पड़ा वीडियो संदेश

चुनाव में जब घर को कोई बंदा प्रत्याशी हो तो घरवालों का वोट उसी को जाता है, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में कहानी इसके ठीक उलट है। पिता राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं और पुत्र ही उन्हें वोट नहीं देने की बात कह रहा है। हजारीबाग के लोगों और मीडिया ने पुत्र से जब पूछना शुरू कर दिया कि उनका वोट किसके पक्ष में जाएगा? पुत्र को अंतत: सामने आना पड़ा। खुलकर जवाब देना पड़ा। पुत्र ने वीडियो संदेश जारी किया। दो टूक कह दिया कि मेरा वोट भाजपा प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में जाएगा।

मैं भाजपा का सांसद हूं, दायित्व समझता हूं

पुत्र जयंत सिन्हा अपने वीडियो संदेश में दो टूक कहा- इसे पारिवारिक मुद्दा नहीं बनाएं। यह परिवार का मुद्दा नहीं है। विपक्ष ने मेरे आदरणीय पिता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी बनाया है। मैं आप सभी से यही निवेदन करूंगा कि इस समय आप मुझे पुत्र के रूप में नहीं देखें। इसे एक पारिवारिक मामला नहीं बनाएं। मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं। हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से भाजपा का सांसद हूं। मैं अपने संवैधानिक दायित्वों को समझता हूं और इसे पूरी तरह से निभाऊंगा। दरअसल, इस संदेश के जरिए जयंत सिन्हा ने साफ कर दिया कि वह अपने पिता को वोट नहीं देंगे। उनके लिए पार्टी प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ही प्राथमिकता हैं।

द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और जेपी नड्डा को दी बधाई 

इतना ही नहीं, सांसद जयंत सिन्हा ने पहली आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को भाजपा और उसके सहयोगी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए झासा प्रत्याशी बनाए जाने पर पर भाजपा नेतृत्च को बधाई भी दी। एक टवीट में जयंत सिन्हा लिखते हैं कि द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर हार्दिक बधाई। उनका जीवन सदैव जनजातीय समाज और गरीब कल्याण के लिए समर्पित रहा है। इस निर्णय के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का हार्दिक अभिनंदन व आभार।