नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को यह कहते हुए रद कर दिया है कि गंभीर मामलों में चलताऊ तौर पर फैसले नहीं दिए जाते। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ की गई पहली अपील में हाईकोर्ट को महज चार लाइन में बेहद सामान्य तरीके से अपना आदेश नहीं देना चाहिए। शीर्ष न्यायालय में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने हाईकोर्ट के दो मार्च, 2020 के एक फैसले पर टिप्पणी करते हुए उसे रद किया है।
घटना में पीडि़त की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना से चार दिन पहले मारे गए व्यक्ति और दोषी ने शराब पीकर झगड़ा किया था। घटना के बाद पुलिस जांच में दोषी के खिलाफ सुबूत पाए गए और उन्हीं के आधार पर अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बावजूद इसके दोषी व्यक्ति का कहना था कि वह निर्दोष है और उसे गलत ढंग से मामले में फंसाया गया है। लेकिन पहले ट्रायल कोर्ट और उसके बाद हाईकोर्ट ने उसके इस तर्क को नहीं माना।