News TOP STORIES उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय लखनऊ

UP Vidhanmandal Budget Session : विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- भाजपा को समय को उत्तम बनाने का तरीका मालूम, सपा यहीं पर चूकी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र का मंगलवार को आठवां और अंतिम दिन है। विधान भवन के मंडप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज सत्र को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के बजट पर भाषण को बहका हुआ भी बताया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं आभारी हूं कि 26 मई को माननीय वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के प्रस्तुत बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित 124 सदस्यों ने अपने अमूल्य विचारों को रखा है। सत्ता पक्ष के 77 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने विचार रखे। अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने के सम्बंध में चर्चा की और सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हो रही है। इससे सदन की गरिमा बढ़ी है और इससे आमजन के मन मे सदन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। सभी सदस्यों के प्रति आभार। हमारा प्रयास होगा को सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी कभी फिसल भी जा रहे थे। वो ऐसे मुद्दे पर आ गए जिनका बजट से कोई वास्ता नहीं था। इस पर मुझे दुष्यंत कुमार का शेर याद आता है

गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं।।

विधानसभा में उत्तर प्रदेश के बजट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का भाषण बजट से इतर था। बजट पर भाषण होता तो और बेहतर होता। मेरा तो मानना है कि सदन में बातें ऐसी रखें जो मार्गदर्शन के काम आएं। हम जो बोलते हैं, वो नष्ट नहीं होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शब्द ब्रम्ह है। सदन में कहा गया हर एक शब्द यहां भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शिका के रूप में होगा। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष बता रहे थे कि वो एक स्कूल में गए तो बच्चे से उन्हें अपने बारे में पूछा। बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी के रूप में पहचाना। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। भोले भाले होते हैं। जो कहा होगा सोच कर कहा होगा। वैसे भी दोनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है। अंतर यही है कि वो देश के बाहर देश की बुराई करते हैं आप प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश की बुराई करते हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने समाजवाद के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को स्वीकार किया है यह अच्छा है। हमारी योजनाओ का आधार पंडित दीनदयाल जी के ‘अंत्योदय’ विचार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मैं अन्नदाता किसानों को पीएम किसान योजना अंतर्गत 11वीं किस्त भेजने के एक कार्यक्रम में था। उत्तर प्रदेश के 2.55 करोड़ किसान पीएम किसान योजना से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं। फर्क साफ है। उत्तम समय कभी नहीं आता। समय को उत्तम बनाना होता है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में यही अंतर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का जारी है। यह आयोजन कार्य पद्धति की जांच के लिए है। सरकार प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए काम कर रही है। प्रदेश में 2014 के बाद से जनता को सरकार की योजनाओं का असली लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमने जो पिछला बजट हमने पेश किया था इस बार हमने बजट का आकार बढ़ाया है। इस बार हमने छह लाख 15 हजार करोड़ का बजट पेश किया है। यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता को समर्पित है। प्रदेश में बैंकों का व्यवसाय बढ़ा है। प्रदेश की जनता को पांच लाख बीस हजार करोड़ का लोन तिरित किया गया है।

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समस्या पर नहीं समाधान पर ध्यान देते हैं। विपक्ष की ओर मुखातिब होकर कहा कि आप समस्या के बारे में सोचते हैं और हम समाधान के बारे में सोचते हैं। कभी की उत्तम समय नहीं आता, समय को उत्तम बनाना पड़ता है। किसी भी परिस्थिति में हमको काम करना पड़ेगा। जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास का हर काम हो रहा है। बैंकिंग कोररेस्पोंडेंटसखी बैंक को लेकर घर घर तक लेकर पहुंची है।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के आज आखिरी नेता सदन यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा को संबोधित किया। इससे पहले विधानसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन को संबोधित किया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में बजट पर अपना बात रखी। सीएम योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पास को करने की कार्यवाही सम्पन्न की गई। इस दौरान विपक्ष की ओर से बजट में कटौती का प्रस्ताव लाया गया। विपक्ष विभिन्न मदों को अनावश्यक बताकर शून्य करने की मांग कर रहा था।