Latest News TOP STORIES राष्ट्रीय

केन्द्रीय बजट 2021


21 पॉइंट्स में 2021 का बजट
टैक्स या बचतके नियमोंमें कुछ नहीं बदला


2021-22 के बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी खास नहीं है। इनकम टैक्स या बचत के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। किसान आंदोलन को देखते हुए खेती के लिए बड़ी घोषणाओं की उम्मीद थी, लेकिन वैसा कुछ भी नहीं हुआ। बजट पर राजनीति का असर दिखता है। इस साल असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में चुनाव होने हैं, उनके लिए अलग घोषणाएं की गई हैं। चुनावी राज्य पुद्दुचेरी के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। आइए 2021 के बजट को 21 पॉइंट्स में समझते हैं।
इनकम टैक्स स्लैब या टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं
बजट में न तो पुराने टैक्स ढांचे में कुछ बदला है, न नए में। बस 75 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को कुछ राहत मिली है। अगर उनकी कमाई सिर्फ पेंशन और ब्याज से हो रही है, तो उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरना होगा। हालांकि टैक्स कंप्लायंस आसान किया गया है। इनकम टैक्स रिटर्न में कैपिटल गेन, पोस्ट ऑफिस और बैंक से मिलने वाले ब्याज की जानकारी पहले से भरी होगी। अभी सैलरी, टैक्स पेमेंट और टीडीएस की जानकारी पहले से भरी होती है। अभी तक 6 साल पुराने टैक्स मामले को री-असेसमेंट के लिए खोला जा सकता था। इसे 3 साल कर दिया गया है। लेकिन 50 लाख या ज्यादा टैक्स चोरी का मामला है तो 10 साल तक री-असेसमेंट किया जा सकेगा। छोटे टैक्सपेयर्स के लिए डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन पैनल बनेगा।
ऑटो पाट्र्स पर ड्यूटी बढ़ी, गाड़ी खरीदना महंगा होगाकुछ ऑटो पाट्र्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 प्रतिशत की गई है। इससे गाडिय़ां महंगी हो सकती हैं। पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर एग्री सेस लगा है। सोना-चांदी पर भी 2.5 प्रतिशत एग्री सेस लगाया गया है, हालांकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दी गई है। इंपोर्टेड सेब, काबुली चना, मटर और मसूर पर भी सेस लगा है। हालांकि बजट में कहा गया है कि इन पर सेस से खरीदारों पर अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा।
हेल्थ बजट 137 प्रतिशत बढ़ाया गया, हेल्थ इन्फ्रा के लिए अलग योजना


कोरोना को देखते हुए हेल्थकेयर के लिए 2.23 लाख करोड़ दिए गए हैं। यह पिछले साल से 137 प्रतिशत ज्यादा है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लाई गई है। इस पर 6 साल में 64,180 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। गांवों में 17,000 और शहरों में 11,000 हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। निमोनिया की नीमोकॉक्कल वैक्सीन पूरे देश में बच्चों को दी जाएगी। इससे 50 हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी।
कोरोना वैक्सीन के लिए अलग फंड
देशभर में कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का फंड रखा गया है। देश में 75 हजार नेशनल हेल्थ सेंटर बनेंगे। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल शुरू किए जाएंगे।
होम लोन के ब्याज पर एक्स्ट्रा छूट और एक साल
किफायती घरों के लिए होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट और एक साल के लिए बढ़ा दी गई है। यह पहले से मिल रही 2 लाख रुपए की छूट के अलावा है। इसे 2019 में लागू किया गया था। पिछले साल भी इसे एक साल के लिए बढ़ाया गया था। डेवलपर्स को किफायती घरों के प्रॉफिट पर मिलने वाली टैक्स छूट भी एक साल के लिए बढ़ाई गई है।
सरकारी खर्च बढऩे से मिलेगा रोजगार
नौकरी ढूंढऩे वाले युवाओं के लिए बजट में कोई अलग घोषणा नहीं है। हालांकि नए प्रोजेक्ट पर सरकारी खर्च 4.39 लाख करोड़ से 34.5त्न बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपए किया गया है, इससे नए रोजगार निकलेंगे। कई हाइवे प्रोजेक्ट की भी घोषणा की गई है, यहां भी लोगों को काम मिलेगा। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म वर्कर्स और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए नया पोर्टल बनेगा। इस पर उनसे जुड़ी जानकारियां उपलब्ध होंगी। इससे उन्हें सोशल सिक्युरिटी बेनिफिट देने में आसानी होगी।
15 हजार स्कूल आदर्श स्कूल बनेंगे


उच्च शिक्षा आयोग का गठन होगा। 15 हजार स्कूलों को आदर्श स्कूल बनाया जाएगा। 100 से ज्यादा सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेगी। आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कूल खुलेंगे। इसके लिए 38 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शिक्षा का कुल बजट 85,089 करोड़ से बढ़ाकर 93,224 करोड़ रुपया किया गया है।
कृषि कर्ज का लक्ष्य 10 प्रतिशत बढ़ा


2021-22 में खेती के लिए 16.5 लाख करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। मौजूदा साल में यह 15 लाख करोड़ था। हालांकि किसान आंदोलन को देखते हुए ज्यादा की उम्मीद की जा रही थी। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलें शामिल की जाएंगी। कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में 5 बड़े फिशिंग हार्बर बनेंगे। 1,000 और मंडियों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कारोबार होगा।
एक करोड़ घरों के लिए उज्जवला स्कीम
उज्जवला स्कीम के तहत और एक करोड़ घरों में रसोई गैस सिलिंडर का कनेक्शन दिया जाएगा। यह कनेक्शन महिलाओं के नाम पर ही होता है।
पांच साल में 2.86 करोड़ घरों में नल से पानी मिलेगा
शहरी जल जीवन मिशन के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। हालांकि ये अगले 5 साल में खर्च होंगे। इस मिशन का मकसद सभी 4,378 शहरी निकायों में घर-घर तक नल के जरिए पानी पहुंचाना है। इससे 2.86 करोड़ घरों में नल लगेगा। कचरा प्रबंधन के लिए भी 1.78 लाख करोड़ दिए गए हैं, जो 5 साल में खर्च होंगे। अगले 3 साल में 100 जिलों में पाइपलाइन से गैस की सप्लाई होगी। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 42 शहरों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2,217 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 40 हजार करोड़
एक देश-एक राशन कार्ड को 32 राज्यों में लागू किया गया है। 86त्न लोगों को इसमें कवर किया जा चुका है। गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं।
चुनावी राज्यों के लिए अलग सौगात, दक्षिण के राज्यों को तरजीह
चुनावी राज्यों में पुद्दुचेरी को छोड़कर बाकी सबके लिए अलग घोषणाएं की गई हैं। लेकिन तरजीह दक्षिण के राज्यों को दी गई है। तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपए की लागत से 3,500 किलोमीटर लंबा हाईवे बनेगा। केरल में 1,100 किमी नेशनल हाईवे के लिए 65,000 करोड़ दिए गए हैं। असम में 1,300 किलोमीटर हाईवे के लिए 34,000 करोड़ का प्रोविजन किया गया है। सबसे ज्यादा चर्चा वाले राज्य पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपए की लागत से 675 किलोमीटर हाईवे बनाने का प्रोविजन है। असम और पश्चिम बंगाल के टी-वर्कर्स के लिए 1,000 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
इंश्योरेंस में 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की इजाजत


इंश्योरेंस में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई है। पहली बार विदेशी ओनरशिप की भी इजाजत दी गई है। 2021-22 में एक सरकारी बीमा कंपनी और दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि वित्त मंत्री ने इनके नाम नहीं बताए। अगले साल एलआईसी का भी आईपीओ लाया जाएगा। विनिवेश के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। 2020-21 के लिए 2.1 लाख का टार्गेट था, जिसे रिवाइज करके 32,000 करोड़ किया गया है।
बीस करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनी छोटी कहलायेगी
छोटी कंपनी की परिभाषा बदलेगी। अभी तक 50 लाख रुपए तक निवेश और दो करोड़ रुपए तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनी छोटी कहलाती थी। अब 2 करोड़ तक निवेश और 20 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनी छोटी कंपनी होगी। इससे छोटी कंपनियों को कर्ज पर ब्याज आदि में जो छूट मिलती है, वह इन्हें मिल सकेगी। MSME के लिए 15,700 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया गया है। यह पिछले साल से दोगुना है।
पुरानी गाडिय़ों के लिए स्क्रैप पॉलिसी आयेगी
पुराने वाहनों के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी आएगी। इसके तहत 15 साल पुराने कमर्शियल और 20 साल पुराने निजी वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा। पीएलआई स्कीम के लिए 5 साल में 1.97 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड समेत कई पाट्र्स पर अभी तक कस्टम ड्यूटी नहीं लगती थी। इन पर 2.5 प्रतिशत ड्यूटी लगाई गई है। फ्रिज और एसी के कंप्रेसर पर भी ड्यूटी 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत की गई है। इससे देश में इनकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।


इंफ्रास्ट्रक्चर की फाइनेंसिंग के लिए अलग संस्थानरोड इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन स्कीम में 565 नए प्रोजेक्ट जोड़े गए हैं। इस स्कीम में अब 7,400 प्रोजेक्ट हो गए हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर की फाइनेंसिंग के लिए डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बनेगा। इसकी पूंजी 20,000 करोड़ रुपए होगी। यह 5 लाख करोड़ रुपए तक के कर्ज दे सकेगा।
2023 तक रेल लाइनों का 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन
1.10 लाख करोड़ रुपए रेलवे को दिए गए हैं। इसमें 1.07 लाख करोड़ रुपए नए प्रोजेक्ट के लिए हैं। जून 2022 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। दिसंबर 2023 तक सभी ब्रॉड गेज लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 11 हजार करोड़ रुपए
परिवहन मंत्रालय के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। पब्लिक बस सुविधा पर 18 हजार करोड़ और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर 11 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
रक्षा बजट सिर्फ 0.9 प्रतिशत बढ़ाया गया
डिफेंस का बजट 1 प्रतिशत भी नहीं बढ़ा है। इसे 3.43 लाख करोड़ से बढ़ाकर सिर्फ 3.47 लाख करोड़ किया गया है। इसमें हथियार खरीदने के लिए 1.35 लाख करोड़ हैं। पिछले साल हथियारों के लिए 1.13 लाख करोड़ दिए गए थे।
पहली बार पेपरलेस रहा बजट
ये पहला मौका है जब बजट दस्तावेज नहीं छपे। कोरोना की वजह से इस साल बजट की सॉफ्ट कॉपी ही साझा की गई है। बजट के लिए यूनियन बजट नाम का मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। इस ऐप पर बजट से जुड़े दस्तावेज मौजूद रहेंगे।
निर्मला सीतारमण का सबसे छोटा बजट भाषण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार 1 घंटे 50 मिनट का बजट भाषण दिया। ये निर्मला सीतारमण का अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। पिछले साल उन्होंने 2 घंटे 41 मिनट का भाषण दिया था। उससे पहले जुलाई 2019 में उनका भाषण 2 घंटे 5 मिनट लंबा था।