पटना

बिहारशरीफ: स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस कर्मियों को 05 तक टीका लगवाने का निर्देश


  • स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने वीसी के जरिये शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने को कहा
  • 18 वर्ष से कम के बच्चे, दवा एवं खाने से एलर्जी वाले लोगों के साथ हीं गर्भवती और धातृ महिला को नहीं लगवाना चाहिए टीका

बिहारशरीफ (आससे)। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड टीकाकरण शुरू हो चुका है। टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है। सोमवार को विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने वीसी के जरिये निर्देश दिया कि 01 से 05 फरवरी तक प्रतिदिन कोविड टीकाकरण किया जाय और छूटे हुए स्वास्थ्य कर्मी, आइसीडीएस कर्मी का टीकाकरण पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। 01 से 05 फरवरी तक शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के बाद छूटे हुए व्यक्तियों का टीकाकरण संभव नहीं होगा। ऐसे में हर स्वास्थ्य कर्मी तथा आइसीडीएस कर्मी का टीकाकरण 05 फरवरी तक करा लेने का निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय द्वारा यह आश्वस्त किया गया है कि कोविड टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। जिन लोगों की दवा या किसी प्रकार के खाने की एलर्जी है वह यह टीका ना लगवाये। गर्भवती, धातृ या ऐसी महिलाएं जिन्हें गर्भवती होने की संभावना लग रही है उनको भी यह टीका लगवाना नहीं चाहिए। यह टीका 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के लिए भी नहीं है।

कोविड टीका सभी प्रमाणित वैक्सीन प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही स्वीकृत की गयी है और पूर्णतया सुरक्षित है। चरणवार तरीके से इसे सभी को उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है। टीकाकरण के पश्चात लाभार्थी को किसी प्रकार की परेशानी के प्रबंधन के लिए सत्र स्थल पर एनाफलीसिस किट एवं एईएफआई किट की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन की प्रभावशीलता और कोरोना के प्रति एंटीबॉडी विकसित होने के लिए दो डोज आवश्यक है। वैक्सीन की पहली डोज लेने के चार हफ्ता यानी 28 दिन के बाद ही इसका दूसरा डोज दिया जायेगा। आम तौर पर कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के दो सप्ताह बाद कोरोना के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो जाता है।