रामनगर। औद्योगिक क्षेत्र रामनगर में स्थित चार दशक से अधिक पुरानी औद्योगिक इकाइयों के मालिकों को अपनी इकाईयों के उत्पादनरत होने का प्रमाण देना होगा। जबकि वर्तमान में औद्योगिक इकाइयों को मिले प्रमाण को उत्पादनरत मान लिया जाएगा । शुक्रवार को दोपहर में औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के सभागार में हुई रामनगर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों की निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष नाथ के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया । तो वही तीन करोड़ ६१ लाख की लागत से औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों का कायाकल्प करके उन्हें संवारा जाएगा। उद्यमियों की समस्याओं को क्षेत्रीय प्रबंधक के समक्ष रामनगर इंडस्ट्रियल असोसिएशन के संरक्षक आर के चौधरी ने प्रमुखता से रखा । तो वही औद्योगिक क्षेत्र में लगाई जाने वाली औद्योगिक इकाइयों का नक्शा पास कराने के लिए असोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रबंध निदेशक से मुख्यालय पहुंचकर भेंट करेगा । उद्यमियों की समस्याओं को सुनने के बाद निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने उन्हें आश्वासन दिया कि किसी भी कीमत पर उद्यमियों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। उनकी ओर से कार्यों में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी । तो वहीं दूसरी ओर असोसिएशन के अध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने तीन करोड़ ६१ लाख की लागत से औद्योगिक क्षेत्र में बनने वाली सड़कों का विवरण भी उद्यमियों के समक्ष प्रस्तुत किया । बैठक में नरेश सिंह ,महेश कुमार चौधरी ,घनश्याम बंसल ,शिव कुमार श्रीवास्तव ,सुनील अग्रवाल ,अरविंद भालोटिया ,अनिल तिवारी, उमेश जायसवाल, डी शर्मा, ए एन तिवारी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने जबकि आगंतुकों का स्वागत सुरेश पटेल ने एवं धन्यवाद ज्ञापन राकेश जयसवाल ने किया। बैठक में सैकड़ों उद्यमी उपस्थित रहे।