प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीकी सफल अमेरिका यात्रा और भारतके साथ सम्बन्धोंमें आयी प्रगाढ़तासे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तानकी बेचैनी काफी बढ़ गयी है। भारत और अमेरिकाके बीच मैत्री सम्बन्धोंका मजबूत इतिहास है, जिसमें और मजबूतीकी सम्भावनाएं बढ़ गयी हैं। अमेरिकाकी उपराष्टï्रपति कमला हैरिससे प्रधान मंत्री मोदीके बीच बातचीत काफी सकारात्मक रही और दोनों नेताओंने रणनीतिक साझेदारीको मजबूत करने और आपसी वैश्विक हितोंके विभिन्न पहलुओंपर भी विस्तारसे चर्चा की। साथ ही कोरोना कालमें आपसी सहयोगकी भी दोनों नेताओंने सराहना की। कमला हैरिस प्रधान मंत्री मोदीके साथ अपनी पहली भेंटमें आतंकवादके सन्दर्भमें पाकिस्तानको घेरनेमें पीछे नहीं रहीं। हैरिसने आतंकवादको प्रोत्साहित करनेमें पाकिस्तानकी भूमिकाका बखूबी उल्लेख करते हुए कहा कि वहां आतंकी समूह काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने इस्लामाबादको काररवाई करनेके लिए कहा था जिससे कि भारत और अमेरिकाकी सुरक्षा प्रभावित नहीं होने पाये। हैरिसका यह कहना भी पाकिस्तानको चेतावनीभरा सन्देश है कि लोकतंत्रोंकी रक्षा करना भारत और अमेरिकाका दायित्व है और यह दोनों देशोंके लोगोंके हितमें है। वैसे भी विश्वभरमें लोकतंत्र खतरेमें है। इसलिए लोकतांत्रिक सिद्धान्तों और संस्थानोंकी रक्षा आवश्यक है। हैरिसका वक्तव्य पाकिस्तानकी चिन्ता और बेचैनी बढ़ानेके लिए काफी है लेकिन इसके साथ ही चीनकी भी चिन्ता बढ़ गयी है, क्योंकि भारत और अमेरिका आतंकवाद और विस्तारवाद को लेकर मजबूत रणनीति बनाने जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त चीनकी बढ़ती ताकतको रोकनेका भी पूरा प्रयास किया जा रहा है। क्वाड देशोंका संघटन इसमें सक्रिय भूमिका निभायगा, जिसमें भारत और अमेरिकाके अतिरिक्त जापान और आस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। अमेरिका और चीन दोनों एक-दूसरेको शत्रु मानते हैं। वहीं चीनका भारतसे सम्बन्ध भी कटु और तनावपूर्ण है। अमेरिका यह अच्छी तरहसे जानता है कि बिना भारतके सहयोगके चीनकी बढ़ती ताकतको रोकना सम्भव नहीं है। ऐसी स्थितिमें भारत और अमेरिका दोनों ही देश विस्तारवाद और आतंकवादके खिलाफ अपनी साझेदारीको नयी ऊंचाई देनेका पूरा प्रयास मजबूतीसे करेंगे। क्वाड देशोंकी बैठकमें आतंकवाद और विस्तारवादके मुद्देपर पाकिस्तान और चीन दोनोंकी घेरेबंदीको भी मजबूती प्रदान करनेके अलावा दूसरा रास्ता नहीं है।
सुरक्षाबलोंको बड़ी कामयाबी
बार-बार मुंहकी खानेके बावजूद पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतोंसे बाज नहीं आ रहा है। अफगानिस्तानमें तालिबानी आतंकवादियोंकी सरकार बनानेके बाद पाकिस्तान एक बार फिर भारतको अस्थिर करनेकी कोशिशोंमें जुट गया है। वह भारतके महत्वपूर्ण ठिकानोंकी जानकारी हासिल करनेके लिए जासूसी करा रहा है, बड़े पैमानेपर आतंकवादियोंको भारतमें हमलेके लिए घुसपैठ करानेमें जुटा है। हालांकि उसके हर मंसूबोंको भारतके जांबाज सुरक्षाबलके जवान चकनाचूर कर रहे हैं। राजस्थान इंटेलिजेंस और जयपुर मिलिट्री इंटेलिजेंसकी टीमने भारतीय सेनाकी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तानकी खुफिया एजेंसीको देनेवाले युवकको गिरफ्तार कर जहां बड़ी कामयाबी हासिल की है, वहीं जम्मू-कश्मीर सुरक्षाबल और सेनाके जवानोंने उड़ी नियंत्रण रेखाके पास तीन पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियोंको ढेर कर बड़े हमलेकी आतंकवादियोंकी साजिशको नाकाम कर दिया। मारे गये आतंकवादियोंसे मिले भारी पैमानेपर गोलाबारूद और अत्याधुनिक असलहा यह साबित करनेके लिए काफी है कि वह किसी बड़े हमलेके ताकमें थे, जिसे भारतीय सुरक्षाबलोंने अपनी तत्परतासे विफल कर दिया। पाकिस्तानसे आतंकवादियोंकी घुसपैठकी यह पांच दिनोंमें दूसरी घटना है जहां बड़े पैमानेपर आतंकवादियोंके पाससे हथियारोंका जखीरा मिला है। भारतमें त्योहारोंका मौसम है ऐसेमें आतंकी संघटन जम्मू-कश्मीरमें अपनी गतिविधियां बढ़ानेके फिराकमें लगे हुए हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीरमें अफगानिस्तानसे लौटे आतंकवादियोंका भारी जमघट किसी बड़े हमलेका संकेत है। भारतको सतर्कता और निगरानी जहां बढ़ानी होगी, वहीं भारतसे लगी पाकिस्तानकी सभी सीमाओंपर सघन अभियान तेज करना होगा, जिससे आतंकवादियोंकी किसी भी गतिविधिपर तत्काल प्रभावी काररवाई की जा सके। भारतको आतंकवादियोंके लांचिंग पैडको ध्वस्त करनेकी कठोरतम काररवाई करनी चाहिए।