सीआरपीएफ़ जवान रितेश रंजन के परिजन कुछ भी बोलने से कर रहे हैं परहेज
जहानाबाद। जिले के घोसी थाना क्षेत्र के बैना गांव में उस समय सन्नाटा पसर गया, जब छत्तीसगढ़ के नक्सलग्रस्त क्षेत्र सुकमा से चार सीआरपीएफ़ जवानों के मौत की खबर आयी। दरअसल, कैम्प में अपने ही साथियों पर गोली चलाने वाला जवान रितेश रंजन वैना गांव का निवासी है। इस घटना की जानकारी जैसे ही गांव तक पहुंची, यहां सन्नाटा छा गया।
इधर पत्रकारों की टीम ने जब बैना गांव पहुंचकर जवान रितेश के बारे में जानकारी लेनी चाही तो ग्रामीणों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। वहीं घटना को अंजाम देने वाले इस जवान के परिजनों ने भी चुप्पी साध ली है। इधर गांव के मंदिर पर जहां लोगों की चौपाल जमा रहती थी, वहां भी सन्नाटा पसरा हुआ। हालांकि कुछ लोगों ने दबी जुबान में बताया कि अपने ही साथियों की हत्या करने वाला उक्त जवान गांव के ही अरविंद कुमार के पुत्र हैं।
लोगों की मानें, तो रितेश रंजन के माता-पिता को अभी तक इस बाबत अभी कोई जानकारी नहीं दी गयी है। वहीं उनकी पत्नी वर्तमान में कसवां गांव अपने मायके में रह रही है और इन्हें मामले की जानकारी मिल गई है। आरोपी जवान के पत्नी से भी जब दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने भी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रितेश रंजन की बहाली सीआरपीएफ़ में कॉन्स्टेबल के पद पर वर्ष 2011 में हुई थी। वहीं 2012 में वह ड्यूटी छोड़कर घर पर आ गया था और 10 महीनों तक वह घर पर ही रहा था। इसके बाद परिजनों के काफ़ी समझाने के बाद उसने वापस ड्यूटी ज्वाइन किया था। रितेश की शादी 2013 में कसवां गांव में हुई थी। वर्तमान में उसके परिवार में पिता, माता, छोटा भाई रौशन कुमार व एक शादीशुदा बहन है। वहीं रितेश रंजन का एक छह वर्षीय बच्चा भी है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के मरईगुड़ा स्थित लिंगनपल्ली कैम्प से गोलीबारी की बात सामने आयी है। इस वारदात में बैना गांव निवासी सीआरपीएफ़ जवान रितेश रंजन पर अपने ही साथियों पर गोली चलाने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि इस घटना में चार जवानों की मौत हो गयी है, वहीं एक घायल हैं। हालांकि, जवान ने किस बात पर गोली चलाई, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है।