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अधिकारोंको लीलता परिवार तंत्र
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 597 लक्ष्मीकांत चावला सन् १९९१ से पूरे देशमें नगर निगमों, नगर पालिकाओं तथा पंचायतोंमें महिलाओंको ३३ प्रतिशत आरक्षणका लाभ मिला। जहां पहले महिलाएं दूसरे उम्मीदवारोंके लिए हाथ उठा-उठाकर नारे लगातीं, दिन-रात काम करती दिखाई देती थीं, इस आरक्षणके साथ महिलाएं स्वयं उम्मीदवार बनकर चुनाव क्षेत्रमें उतरीं। विशेष बात यह रही कि यदि एक […]
चिकित्सा तंत्रको उच्च प्राथमिकता
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 712 राजेश माहेश्वरी पिछले एक महीनेका घटनाक्रम याद करते ही शरीरमें सिरहन-सी दौड़ जाती है। जब कोरोनासे बचनेके लिए दवाओं, इंजेक्शन और आक्सीजनकी मारामारी देशभरमें मची थी। श्मशानमें दाह संस्कार करनेके लिए परिजनोंको घंटों ही नहीं, अपितु कई दिनोंतक इन्तजार करना पड़ा। निश्चित रूपसे वह एक अप्रत्याशित और अभूतपूर्व संकट था। इस लहरमें […]
चीनमें मानव अधिकारोंका उल्लंघन
Posted on Author ARUN MALVIYA
Post Views: 534 डा. भरत झुनझुनवाला हांगकांगमें लोकतंत्रकी हत्या, ऊईघुर मुसलमानोंपर अत्याचार एवं हांगकांगके मीडिया मुजल जैक माको हिरासतमें लिये जानेको लेकर चीनकी भत्र्सना की जा रही है। कहा जा रहा है कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानूनोंके उल्लंघनमें अपनी जनताके मानवाधिकारोंका हनन कर रहा है। इस संदर्भमें १९४८ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणापत्रकी धाराओंपर […]