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केन्द्र-बंगालमें बढ़ी तकरार


 तीन आईपीएस अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर बुलाया

कोलकाता(आससे)। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने का आदेश जारी किया है। बता दें कि भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हमले को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को समन भेजकर तलब किया और अब तीन आईपीएस अधिकारियों को बंगाल से दिल्ली बुला लिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद से यहां के हालात ठीक नहीं हैं। जेपी नड्डा की बंगाल यात्रा के दौरान गुरुवार को 24 परगना में उनके काफिले पर ईंट-पत्थर से हमला किया गया था। नड्डा ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद यहां के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठने लगे। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा के काफिले पर हुए हमले के एक घंटे बाद ही रिपोर्ट मांगी थी। वहीं, इस घटना के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर गृह मंत्री शाह को रिपोर्ट भेजी थी। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 14 दिसंबर को पेश होने को कहा था। वहीं, समन भेजे जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगबबूला हो गई हैं। ममता का कहना है कि गृह मंत्रालय के समन पर डीजीपी और मुख्य सचिव दिल्ली नहीं जाएंगे। तृणमूल कांग्रेस के सौगात रॉय ने इस मामले में शनिवार को कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी संविधान के अनुच्छेद 312 द्वारा शासित होते हैं, चुने जाने के बाद उन्हें राज्य कैडर दिया जाता है। केंद्र सरकार यदि प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के नाम मांगती है तो राज्य सरकार नाम भेजती है। परंतु ऐसे अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजना है या नहीं ये राज्य सरकार पर निर्भर है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब करना राजनीति से प्रेरित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है।