दूसरी मियाद भी पूरी, पर कई जिलों में 50 फीसदी तक मामले लंबित
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में सर्टिफिकेट फोल्डर गायब वाले पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों के ब्यौरे अभी भी पूरी तरह से पोर्टल पर अपलोड नहीं हुए हैं। कई जिले तो ऐसे हैं, जहां सर्टिफिकेट जांच से वंचित 40 से 50 फीसदी शिक्षकों के ही ब्यौरे पोर्टल पर अपलोड हो पाए हैं, जबकि इसके लिए दूसरी बार तय मियाद भी पूरी हो चुकी है।
इसे शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। इसकी समीक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करने वाले हैं। इस बाबत प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को निर्देश दिये गये हैं। इसके मुताबिक जिन जिलों ने ब्यौरे अपलोड करने का कार्य पूरा कर लिया है, उन्हें इस आशय का प्रमाण पत्र देने को कहा गया है कि उनके जिले एक भी शिक्षक के सर्टिफिकेट अपलोड का मामला लंबित नहीं है। निर्देश में इस बात पर नाराजगी जतायी गयी है कि समय सीमा समाप्त होने के बावजूद कई जिले द्वारा सर्टिफिकेट के फोल्डर गायब वाले 40 से 50 फीसदी शिक्षकों के ही ब्यौरे अपलोड हो पाए हैं।
इसके लिए पहले गत 17 मई तक की तिथि तय थी, जिसे बढ़ा कर 31 मई तक की गयी थी। आपको बता दूं कि जांच के लिए जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर अब तक विजिलेंस को नहीं सौंपे गये हैं, उनके नाम और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। इसमें प्रखंड का नाम, नियोजन इकाई का नाम, शिक्षक का नाम, पिता या पति का नाम, विद्यालय का नाम, नियुक्ति की तिथि, ईपीएफ एकाउंट नम्बर अपलोड किया जाना है। इसकी प्रति प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को भी उपलब्ध करानी है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 2006 से लेकर 2015 तक नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट की विजिलेंस जांच पटना हाई कोर्ट के आदेश पर चल रही है। इससे संबंधित आदेश पटना हाई कोर्ट ने पांच दिसंबर, 2016 को दिया। लेकिन, अब तक 1,03,917 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं। इसके मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग द्वारा वेब पोर्टल तैयार किया गया है।